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शशि थरूर ने मोदी सरकार की ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ की तारीफ की, कहा–भारत ने 100 से ज्यादा देशों को मदद देकर दिखाया वैश्विक नेतृत्व

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोविड महामारी के दौरान भारत की “वैक्सीन कूटनीति” की सराहना की, लेकिन सरकार के लॉकडाउन फैसले को कठोर बताया. साथ ही, उनकी हालिया टिप्पणियों से कांग्रेस में मतभेद की अटकलें तेज हो गई हैं.

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोविड महामारी के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार की “वैक्सीन कूटनीति” की सराहना की है और इसे “अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व का एक सशक्त उदाहरण” बताया है.

थरूर ने एक अंग्रेजी पत्रिका में लिखे अपने लेख “कोविड का भारत के लिए उज्ज्वल पक्ष” में कहा, “महामारी के कठिन समय में भारत की वैक्सीन नीति एक ऐसी पहल रही, जिसने वैश्विक स्तर पर भारत की जिम्मेदारी और एकजुटता को दर्शाया.  भारत ने 100 से अधिक देशों को मेड-इन-इंडिया वैक्सीन उपलब्ध कराकर यह साबित किया कि वह जरूरत के समय दुनिया की मदद कर सकता है.”

उन्होंने केंद्र सरकार की 2021 में शुरू की गई “वैक्सीन मैत्री” पहल की सराहना की. इस योजना के तहत भारत ने पश्चिम एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और पड़ोसी देशों को वैक्सीन निर्यात की.

चीन को दी कड़ी टक्कर

थरूर ने लिखा कि भारत ने कोविड वैक्सीन कूटनीति के माध्यम से दक्षिण एशिया और अफ्रीका में चीन के प्रभाव को संतुलित किया. “जहां भारत और चीन दोनों वैक्सीन आपूर्ति के जरिए अपनी छवि मजबूत करना चाहते थे, वहां भारत की पहल अधिक प्रभावी साबित हुई.”

थरूर ने बताया कि भारत ने केवल वैक्सीन ही नहीं भेजी, बल्कि नेपाल, मालदीव और कुवैत में सैन्य डॉक्टर भी तैनात किए. इसके अलावा, भारत ने दक्षिण एशिया के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए. उन्होंने GAVI, क्वाड और पैन अफ्रीका ई-नेटवर्क जैसे वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया.

लॉकडाउन पर भी रखी राय

थरूर ने हालांकि सरकार के लॉकडाउन फैसले को “कठोर” बताया. उन्होंने कहा, “भारत में कोई भी 24 मार्च 2020 को लगाए गए सख्त लॉकडाउन की पांचवीं वर्षगांठ नहीं मना रहा. हम सभी कोविड को एक भयावह सपने के रूप में याद करते हैं, जो पीड़ा, त्रासदी और क्षति से भरा हुआ था.”

कांग्रेस में फूट या अफवाह?

हाल के दिनों में थरूर और कांग्रेस के बीच मतभेद की अटकलें तेज हो गई हैं. पिछले महीने एक मलयालम पॉडकास्ट में थरूर ने कहा कि “अगर कांग्रेस केरल में अपनी अपील नहीं बढ़ाती, तो वह तीसरी बार विपक्ष में रह सकती है.”

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में “नेतृत्व का संकट है” और संकेत दिया कि उनके पास “अन्य विकल्प” भी उपलब्ध हैं. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक रहस्यमयी पोस्ट की जिसमें थॉमस ग्रे का उद्धरण था – “जहां अज्ञान आनंद है, वहां बुद्धिमान होना मूर्खता है.”

थरूर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक सेल्फी भी साझा की और भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते पर उनकी पहल की प्रशंसा की. इससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर और अटकलें लगाई जाने लगीं.

हालांकि, उन्होंने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा, “आप सभी ने पॉडकास्ट सुना, इसमें विवाद क्या था? मुझे अभी तक यह समझ नहीं आया. यह एक 45 मिनट की बातचीत थी, जिसमें जीवन और खुशियों पर चर्चा हुई. इसमें कोई राजनीतिक विवाद नहीं था.”

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-भारत एक्सप्रेस 



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