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राज्यों को अपने राज्य-विशेष लॉजिस्टिक्स नीतियों को प्राथमिकता देनी चाहिए: वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट

भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी हालिया रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे अपने आर्थिक विकास और औद्योगिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्य-विशेष लॉजिस्टिक्स नीतियों को प्राथमिकता दें.

Indian Commerce Ministry

प्रतीकात्मक फोटो

भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी हालिया रिपोर्ट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे अपने आर्थिक विकास और औद्योगिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राज्य-विशेष लॉजिस्टिक्स नीतियों को प्राथमिकता दें. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बेहतर लॉजिस्टिक्स ढांचा न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि रोजगार के अवसर बढ़ाने और व्यापार को सुगम बनाने में भी सहायक होगा.

लॉजिस्टिक्स का महत्व

लॉजिस्टिक्स का सीधा संबंध माल के उत्पादन, भंडारण और वितरण से है. यह वह प्रक्रिया है, जो वस्तुओं और सेवाओं को उत्पादकों से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए जरूरी है. एक सशक्त और प्रभावी लॉजिस्टिक्स प्रणाली से न केवल व्यापारिक लागत कम होती है, बल्कि माल के समय पर वितरण से आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आती है.

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट में निम्नलिखित पहलुओं पर जोर दिया गया है…

  • राज्य-विशिष्ट नीतियों का महत्व: हर राज्य की भौगोलिक और आर्थिक परिस्थितियां अलग होती हैं. इसलिए, राज्यों को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार लॉजिस्टिक्स नीतियां बनानी चाहिए.
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास: बेहतर सड़क, रेल, बंदरगाह और हवाई संपर्क को प्राथमिकता देकर माल परिवहन को तेज और कुशल बनाया जा सकता है.
  • डिजिटल तकनीक का उपयोग: लॉजिस्टिक्स में डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेटा-ड्रिवन तकनीकों को अपनाने से ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग प्रक्रिया में सुधार होगा.
  • सहयोग और समन्वय: केंद्र और राज्यों के बीच लॉजिस्टिक्स नीति को लेकर बेहतर समन्वय स्थापित करना बेहद जरूरी है.

राज्यों के लिए सुझाव

  • मंत्रालय ने राज्यों को उनकी लॉजिस्टिक्स नीतियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ सिफारिशें दी हैं:
  • क्षेत्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान: हर राज्य को अपने प्रमुख उद्योगों और व्यापार केंद्रों को ध्यान में रखकर नीतियां बनानी चाहिए.
  •  व्यापारियों और उद्योगपतियों से संवाद: उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ नियमित संवाद और उनकी जरूरतों को समझना महत्वपूर्ण है.
  • हरित लॉजिस्टिक्स: पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, लॉजिस्टिक्स को ग्रीन और सस्टेनेबल बनाने पर जोर देना चाहिए.

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति से प्रेरणा

भारत सरकार ने 2022 में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy) की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को संगठित करना, लागत कम करना और भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में एक प्रमुख स्थान दिलाना है. राज्य-विशेष नीतियों के विकास के लिए यह राष्ट्रीय नीति एक आदर्श उदाहरण हो सकती है.

लॉजिस्टिक्स में सुधार की आवश्यकता क्यों?

भारत में लॉजिस्टिक्स की लागत GDP का लगभग 13-14% है, जो वैश्विक औसत (8-10%) से अधिक है. यह उच्च लागत व्यापार को महंगा बनाती है और प्रतिस्पर्धा में बाधा डालती है. इस समस्या को हल करने के लिए राज्यों को अपने लॉजिस्टिक्स ढांचे में सुधार करना होगा.

विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य-विशेष लॉजिस्टिक्स नीतियां न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगी, बल्कि भारत को वैश्विक सप्लाई चेन में एक मजबूत स्थान दिलाने में भी मदद करेंगी. वाणिज्य मंत्रालय ने राज्यों से अपील की है कि वे इस दिशा में ठोस कदम उठाएं और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए प्रतिबद्ध हों.

-भारत एक्सप्रेस



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