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Delhi-NCR: वायु प्रदूषण कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की योजना को दी मंजूरी, जानें क्या-कुछ बदल सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों के ईंधन पहचान के लिए रंगीन स्टीकर लगाने की केंद्र सरकार की योजना को मंजूरी दी, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके.

Delhi Air Pollution supreme court

वायु प्रदूषण कम करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

दिल्ली-एनसीआर में गाड़ियों के ईंधन के प्रकार को पहचानने के लिए रंग-कोडिंत स्टीकर लगाने के मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 6 अनुपालन हलफनामे दाखिल किए गए हैं. अनुपालन रिपोर्ट पर विचार करने के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या गैर एनसीआर राज्यों के लिए कोई आदेश है?

कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या अब हमें अनुच्छेद-142 का प्रयोग करके एनसीआर राज्यों से संबंधित आदेश को अन्य राज्यों पर भी लागू करने का आदेश देना चाहिए? केंद्र सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा, मुझे इस पर सरकार से निर्देश लेने दीजिए. हम अधिनियम और नियमों का अध्ययन करेंगे.

प्रदूषण कम करने को केंद्र की योजना मंजूर

दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली समेत एनसीआर में वायु प्रदूषण की रोकथाम करने के मामले में केंद्र सरकार की योजना पर मुहर लगा दिया था.

इस योजना के मुताबिक, पेरिस में अपनाए गए मॉडल की तर्ज पर पेट्रोल, सीएनजी और डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर अलग-अलग रंगों के स्टिकर विंड स्क्रीन पर लगाए जाएंगे.

गाड़ियों पर रंगीन स्टीकर लगाने की योजना

केंद्र सरकार की नई योजना के मुताबिक, ब्लू स्टीकर पेट्रोल और सीएनजी गाड़ियों के लिए जबकि नारंगी स्टीकर डीजल गाड़ियों में लगाने की योजना बनाई गई है ताकि उनकी आसानी से पहचान हो सके. इससे पहले केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि वह इसी तरह 6 वर्गों के अलग-अलग स्टीकर बनाए गए हैं. इन कलर कोड वाले स्टीकर से 15 साल पुरानी पेट्रोल की और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों की पहचान ज्यादा आसानी से हो सकेगी.

वाहनों पर अलग-अलग रंग के स्टीकर लगें

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर लगाम के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. कोर्ट सलाहकार अपराजिता सिंह ने कहा था कि वाहनों पर अलग-अलग रंग के स्टीकर लगाए जाने चाहिए ताकि दूर से वाहन की पहचान हो सके कि वाहन कौन से ईंधन से चल रहा है.



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