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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, ‘ऐसे लोगों को चुनाव लड़ने से रोक देना जाना चाहिए’

कोर्ट ने कहा है कि गंभीर अपराधों के आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए. यह टिप्पणी ताहिर हुसैन की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई है, जो दिल्ली दंगों के आरोपी हैं.

Tahir Hussain

ताहिर हुसैन

Supreme Court On Tahir Hussain Bail petition: सुप्रीम कोर्ट ने AIMIM उम्मीदवार और आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे सभी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोक देना चाहिए. ताहिर हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की है. जस्टिस पंकज मिथल की अध्यक्षता वाली बेंच अर्जी पर सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि कृपया इस मामले पर कल सुनवाई कर ली जाए.

21 जनवरी को हुसैन की दायर याचिका पर सुनवाई

जस्टिस मिथल ने कहा कि जेल में बैठकर चुनाव जीतना आसान है. दरअसल इन सभी लोगों को डिबार किया जाना चाहिए. सिद्धार्थ अग्रवाल ने आगे कहा कि यह एक वास्तविक मामला है. उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया है. कोर्ट 21 जनवरी को हुसैन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत की मांग ठुकराते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन पर दिल्ली दंगों की साजिशकर्ता होने का आरोप है, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई. कोर्ट इस तथ्य को नजर अंदाज नही कर सकता है.सिर्फ पूर्व पार्षद होने के चलते वो अंतरिम जमानत का हकदार नही है.

दिल्ली पुलिस ने विरोध करते हुए कहा था कि ताहिर हुसैन समाज के लिए खतरा है. इसको अंतरिम जमानत दी गई तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है. गवाहों को प्रभावित कर सकता है. दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा था कि चुनाव लड़ना कोई मौलिक अधिकार नहीं है. जेल से भी नामांकन दाखिल किया जा सकता है. ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप बेहद गंभीर है. ताहिर हुसैन पर एक आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की जघन्य हत्या का आरोप है. ट्रायल बहुत अहम स्टेज पर है.

हुसैन के खिलाफ UAP और PMLA के तहत केस लंबित

इस मामले में चार गवाह मुकर चुके है. हुसैन के खिलाफ युएपीए और पीएमएलए के तहत केस लंबित है. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि असम के डिब्रूगढ़ जेल में रहते हुए ही अमृतपाल ने नामांकन दाखिल किया था. एएसजी ने यह भी कहा था कि ताहिर हुसैन की तुलना अरविंद केजरीवाल से नही की जा सकती है. केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिली थी. केजरीवाल एक पार्टी के मुखिया है और दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके है. वही ताहिर हुसैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ताहिर हुसैन के खिलाफ कुल 11 मामले है. जिसमें से आठ मामले में उन्हें जमानत मिल चुकी है.

वही मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज मामले में उन्होंने आधी सजा काट ली है. साल 2020 फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में ये दंगे हुए थे और कई लोगों की जान गई थी. ताहिर हुसैन पर दंगे भड़काने और उनकी फंडिंग सहित अन्य आरोप है. दंगे के समय ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के पार्षद थे, लेकिन आरोपी साबित होने पर पार्टी ने उन्हें निकाल दिया था.


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-भारत एक्सप्रेस



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