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Ghosi Bypoll Result: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार और संगठन में बड़े बदलाव करेगी। घोसी उपचुनाव के नतीजे देखने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी नतीजे के समीकरणों को समझ कर उसके अनुसार संगठन और सरकार स्तर पर बड़े बदलाव करने जा रही, पर यह बदलाव लोकसभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं । घोसी उपचुनाव के नतीजे के आधार पर बीजेपी अब और अलर्ट मोड पर लोकसभा चुनाव की तैयारी करेगी और उससे पहले ही संगठनात्मक स्तर पर भारतीय जनता पार्टी कील कटे दुरुस्त करेगी। जिसके आधार पर बड़े फेरबदल भारतीय जनता पार्टी में देखने को मिल सकते हैं। बीजेपी सूत्रों के अनुसार भाजपा ने अभी तक जिला अध्यक्षों की सूची इसी कारण से जारी नहीं की थी। भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक आधार पर उत्तर प्रदेश में 98 जिले हैं जिनमे अब जिला अध्यक्षों को चुनावी समीकरण के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।
घोसी चुनाव के नतीजे के बाद अब जिन मंत्रियों और पदाधिकारी की ड्यूटी घोसी उपचुनाव में लगाई गई थी उनकी धड़कनें तेज हो गई हैं। घोसी में संगठन से पदाधिकारी और सरकार के मंत्रियों ने जो रिपोर्ट दी थी उससे उलट आए परिणामों पर अब भारतीय जनता पार्टी सभी से जवाब मांगेगा। घोसी उपचुनाव में हार का सामना करने के बाद अब दारा सिंह को भी भारतीय जनता पार्टी में अपने भविष्य को लेकर काफी उठापटक करनी पड़ेगी, लगातार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाये जाने की चर्चाओं के बीच में अब दारा सिंह का घोसी चुनाव हारना उनके मंत्री पद पर भी तलवार लटका सकता है। वही मंत्रिमंडल में भी फेर बदल के बड़े आसार सामने आ रहे हैं। जातिगत आधार और क्षेत्रीय आधार पर अब नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है और कई मौजूदा मंत्रियों को संगठन में भी भेजा जा सकता है।
घोसी उपचुनाव के नतीजे ने भारतीय जनता पार्टी को अपने लोकसभा की रणनीति पर दोबारा से सोचने पर मजबूर कर दिया है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक स्तर पर व सरकार की परफॉर्मेंस की जांच करने पर तो मजबूर कर ही दिया है। उत्तर प्रदेश में एनडीए में शामिल छोटे दलो के नेता अपनी सरकार और संगठन में हिस्सेदारी मजबूत करना चाह रहे थे , ऐसे में अब घोसी के परिणाम के बाद पूर्वांचल के बड़े चेहरों पर अब गाज गिर सकती । खास तौर से एनडीए में शामिल होने के बाद सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर मंत्री पद की मांग कर रहे थे , ऐसे में ओमप्रकाश राजभर के लिए भी घोसी के उपचुनाव का परिणाम बड़ा धक्का है। राजनीति के जानकारों का कहना है की घोसी उपचुनाव में हार के बाद ओमप्रकाश राजभर उस दबाव से मंत्री पद की अब बात नहीं कर सकेंगे जिस तरह से घोसी उपचुनाव के नतीजे से पहले देखने को मिलता था।
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