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112 साल पुराने अनाथालय को खाली करने का नोटिस

Lucknow: कुछ बच्चे यहां बचपन से ही हैं तो कुछ अन्य जगहों से लाये गये हैं एवं वर्तमान समय में 13 शिशु एवं 46 बालिका उक्त संस्थान में रह रहे हैं.

श्री राम औद्योगिक अनाथालय

Lucknow: उत्तर प्रदेश में अनाथालय में रह बच्चों से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया. मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ का है, जहां 112 साल पुराने अनाथालय के बच्चों को अन्य जगहों पर शिफ्ट करने का नोटिस दिया गया है. इस शिफ्टिंग के पीछे कारण उक्त भवन को जर्जर होना जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) लखनऊ द्वारा 10 जनवरी 2023 को दिए गये नोटिस में बताया गया है.

यह अनाथालय कोई सामान्य अनाथालय नहीं बल्कि औरों से अलग है. लखनऊ के अलीगंज में महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित इस श्री राम औद्योगिक अनाथालय (Shri Ram Industrial Shelter Home) की एक अपनी कहानी है जो इस संस्था को जानने वालों की भी जुबानी है.

इस अनाथालय की विशेषता बयां करते यहां रहने वाले बच्चों द्वारा अर्जित मेडल हैं. चाहे खाने के डायनिंग हॉल को सजाना हो या कुछ भी अन्य काम, बच्चे आपस में मिलजुलकर कर लेते हैं. खाने के टेबलों के ऊपर लगी हुईं तस्वीरें यहां रहने वाले बच्चों की काबिलियत बयां करती हैं.

इस संस्था की स्थापना तत्कालीन फैजाबाद वर्तमान में अयोध्या जनपद के ताल्लुकेदार राय बहादुर श्रीराम बहादुर (Rai Bahadur Shri Ram Bahadur) ने सन् 1911 में 91 हजार 500 रुपए व्यय करके किया था, उनकी प्रतिमा भी संस्थान के परिसर में है.

इस संस्थान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस संस्थान ने 1911 से लेकर अभी तक किसी भी प्रकार का सरकारी अनुदान नहीं लिया है. यह संस्था अभी तक जनसहयोग से ही चलती चली आ रही है, यहां रहने वाली बच्चियों की शादियां भी यहीं से कराई जाती हैं. उक्त संस्थान में जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है वह नोटिस बोर्ड पर लगा दिया जाता है और जनसरोकार से जुड़े हुए लोग अपनी क्षमतानुसार दान करते हैं.

वर्तमान समय में अनाथालय के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है वह अनाथालय के बच्चों को अन्य अनाथालयों में अलग-अलग शिफ्ट करने की, बच्चे एक दूसरे से बिछड़ने के खौफ में जी रहे हैं. जब बच्चों से उनका पक्ष जाना गया तो बच्चों का यह कहना था कि हमारा यही परिवार है और हम सबको हमारे परिवार से दूर न भेजा जाए. बच्चों ने यह भी तर्क देते हुए कहा कि अगर आवास बनवाना ही है तो संस्था की पीछे वाली जमीन पर बनवाकर उसमें हम सबको शिफ्ट कर दिया जाए. कुछ बच्चे यहां बचपन से ही हैं तो कुछ अन्य जगहों से लाये गये हैं एवं वर्तमान समय में 13 शिशु एवं 46 बालिका उक्त संस्थान में रह रहे हैं.

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