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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई

तेलंगाना से अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए हैं. इससे राज्यसभा में कांग्रेस के पास पहले से मौजूद नेता विपक्ष का पद और सुरक्षित हो गया है. राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या बढ़कर 27 हो गई है.

Abhishek Manu Singhavi

सांसद पद की शपथ लेते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी (फोटो- IANS)

उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को संसद भवन में नवनिर्वाचित सदस्यों को राज्यसभा सांसदों के रूप में शपथ दिलाई. राज्यसभा सांसद की शपथ लेने वालों में कांग्रेस नेता व वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा की किरण चौधरी शामिल हैं. डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं. उपराष्ट्रपति ने बुधवार को उन्हे राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ दिलाई.

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन में भाजपा सांसद रामेश्वर तेली को भी राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य के रूप में शपथ दिलाई. भाजपा की किरण चौधरी व जॉर्ज कुरियन को भी राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य के रूप में शपथ दिलाई गई. राज्यसभा के सभापति ने बुधवार को ही संसद भवन में महाराष्ट्र से चुने गए सांसद धैर्यशील मोहन पाटिल को भी राज्यसभा के निर्वाचित सदस्य के रूप में शपथ दिलाई.

बुधवार को बतौर राज्यसभा सांसद शपथ लेने वाली किरण चौधरी हरियाणा से हैं. वह हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य बनी हैं. इससे पहले वह हरियाणा के भिवानी स्थित तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक रही हैं. भाजपा में आने से पहले वह कांग्रेस की सदस्य थीं. वह पांच बार विधायक रही हैं और उनके ससुर बंसीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

वह हरियाणा के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे. किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी, भिवानी-महेंद्रगढ़ से कांग्रेस की लोकसभा सांसद रह चुकी हैं. हालांकि, अब वह भी भाजपा में शामिल हो चुकी हैं. वहीं जाने माने वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की भी राज्यसभा में एंट्री हो गई है. राज्यसभा की कुल 12 सीटों पर सांसद चुने गए हैं. इनमें भारतीय जनता पार्टी के 9, सहयोगी दलों के दो और कांग्रेस का एक सांसद बना है.

राज्यसभा में अभिषेक मनु सिंघवी के पहुंचने के साथ ही कांग्रेस के सांसदों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. तेलंगाना से अभिषेक मनु सिंघवी निर्विरोध चुने गए हैं. इससे राज्यसभा में कांग्रेस के पास पहले से मौजूद नेता विपक्ष का पद और सुरक्षित हो गया है. राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या बढ़कर 27 हो गई है, जबकि नेता विपक्ष का का पद हासिल करने के लिए 25 सीटों की जरूरत होती है.

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-आईएएनएस

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