
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में नए वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. गृह मंत्रालय को सौंपी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि इस हिंसा में कुछ बांग्लादेशी उपद्रवियों की संलिप्तता के संकेत मिले हैं.
इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया है, बल्कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जैसी केंद्रीय एजेंसियों को भी सक्रिय कर दिया है. हिंसा के बाद जंगीपुर, धुलियान, सुती और शमशेरगंज जैसे संवेदनशील इलाकों में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि पिछले 48 घंटों में कोई नई हिंसक घटना नहीं हुई और स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है.
हिंसा की शुरुआत और जांच के निष्कर्ष
मुर्शिदाबाद में बीते सप्ताह शुक्रवार और शनिवार को वक्फ कानून के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया, वाहनों में आग लगाई और पुलिस पर पथराव किया. इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए. सरकारी सूत्रों के अनुसार, जांच में पाया गया कि हिंसा को भड़काने में कुछ बाहरी तत्वों, खासकर बांग्लादेशी उपद्रवियों की भूमिका हो सकती है.
इस खुलासे ने सीमा पार से होने वाली गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं, जिसके बाद BSF ने अपनी निगरानी और गश्त को और तेज कर दिया है. अब तक इस मामले में 210 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है.
सुरक्षा बलों की तैनाती और बीएसएफ का दौरा
हिंसा को नियंत्रित करने के लिए जंगीपुर, धुलियान और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में बीएसएफ, सीआरपीएफ, राज्य सशस्त्र पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान तैनात किए गए हैं. बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी रवि गांधी ने स्वयं प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राज्य पुलिस के साथ मिलकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की रणनीति तैयार की.
गांधी ने स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर सीमा पर निगरानी बढ़ाने और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए. अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई और समन्वय के कारण स्थिति पर काबू पाया जा सका है.
सामान्य होती स्थिति और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता
मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. बंगाल पुलिस के अनुसार, प्रभावित इलाकों में दुकानें फिर से खुलने लगी हैं और हिंसा के डर से घर छोड़कर गए लोग अपने घरों को लौट रहे हैं. स्थानीय प्रशासन ने पीड़ितों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं.
जिला प्रशासन अब उन लोगों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें हिंसा में हुई संपत्ति की क्षति का मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा, प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है.
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-भारत एक्सप्रेस
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