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जब इंदिरा गांधी ने JNU में 46 दिनों के लिए लगवा दिया था ताला

Jawaharlal Nehru University: प्रतिनिधिमंडल ने उनको एक पर्चा दिया जिसमें लिखा था कि उनके प्रधानमंत्री रहते हुए आपातकाल के दौरान क्या-क्या गलत हुआ.

JNU shutdown

फोटो ( पूर्व पीएम इंदिरा गांधी व JNU)

Jawaharlal Nehru University: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उन तमाम मुद्दों पर सरकार की स्थिति स्पष्ट की, जिसको लेकर विपक्ष मानसून सत्र में हंगामा किए हुए है. मामला चाहें मणिपुर हिंसा का हो, महाराष्ट्र में NCP के दो फाड़ होने पर बीजेपी पर लगने वाले आरोपों का हो या फिर विपक्ष की एकजुटता और आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर किए जा रहे दावों का… अमित शाह ने सरकार और बीजेपी का पक्ष रखते हुए कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. इसी दौरान उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) द्वारा JNU में ताला डलवाने वाली घटना का जिक्र किया और कांग्रेस पर निशाना साधा. आइए, जानते हैं कि ऐसा क्या हुआ था कि अपने पिता के सपनों की यूनिवर्सिटी में इंदिरा गांधी ने ताला जड़ दिया था.

इंदिरा ने JNU में लगवा दिया था ताला

इंदिरा गांधी ने 16 नवंबर 1980 से 3 जनवरी 1981 तक 46 दिन के लिए जेएनयू कैंपस में ताला जड़वा दिया था. दरअसल, एक छात्र जेम्स जी राजन नाम के एक छात्र ने कार्यवाहक कुलपति का अपमान किया था. इसके बाद इंदिरा गांधी ने जेएनयू में गुंडागर्दी रोकने के लिए पुलिस को छात्रावासों पर छापेमारी का आदेश दे दिया. इसी बीच जेम्स जी राजन को गिरफ्तार भी कर लिया गया. इसके बाद जेएनयू कैंपस में 46 दिन तक ताला लगा रहा. ये सब तब हुआ था जब जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की स्थापना के 12 साल ही गुजरे थे.

छोड़ना पड़ा था चांसलर का पद

आपातकाल के बाद हुए इलेक्शन में इंदिरा गांधी की हार हुई थी लेकिन वह जेएनयू के चांसलर पद पर बनी हुई थीं. इसके बाद सीताराम येचुरी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इंदिरा गांधी से मिलने पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल ने उनको एक पर्चा दिया जिसमें लिखा था कि उनके प्रधानमंत्री रहते हुए आपातकाल के दौरान क्या-क्या गलत हुआ. छात्रों ने उनके इस्तीफे की मांग की जिसके बाद इंदिरा गांधी ने चांसलर का पद छोड़ दिया था.

हाल के सालों में जेएनयू कई बार विवादों में आया है. इस दौरान कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी जेएनयू के छात्रों के समर्थन में खड़े होते रहे हैं. इसको लेकर बीजेपी इंदिरा गांधी द्वारा जेएनयू में ताला जड़वाने वाली घटना का हवाला देकर कांग्रेस पर निशाना साधते रहे हैं.

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अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी कांग्रेस ने मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगाया. मोदी सरकार पर कांग्रेस ने हिंदुस्तान की हत्या, लोकतंत्र की हत्या जैसे आरोप लगाए, जिसका जवाब देते हुए अमित शाह ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी समेत यूपीए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. अमित शाह ने आरोप लगाया कि देश में सबसे ज्यादा धार्मिक और नस्लीय दंगे पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए.

-भारत एक्सप्रेस



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