पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
The Saga of Kudopali – The Unsung Story of 1857: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और सांबलपुर विधायक जयनाथ मिश्रा ने “द सागा ऑफ कुदोपाली: द अनसंग स्टोरी ऑफ 1857” किताब का विमोचन किया. यह किताब नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया की ओर से प्रकाशित की गई है. ओडिशा के सांबलपुर स्थित तपस्विनी हॉल में इसका विमोचन किया गया.
इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कुदोपाली की 1857 की घटना की ऐतिहासिक महत्ता पर प्रकाश डाला और इसे जलियांवाला बाग नरसंहार से जोड़ा. उन्होंने वीर सुरेन्द्र साईं और उनके साथियों के बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपनी जान दी. उन्होंने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (National Book Trust India) और भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) के प्रयासों को सराहा, जिन्होंने इस किताब प्रकाशित किया, जो कुदोपाली के शहीदों की बहादुरी को उजागर करती है.
1857 के स्वतंत्रता संग्राम की गाथा
“द सागा ऑफ कुदोपाली: द अनसंग स्टोरी ऑफ 1857” किताब 1857 में कुदोपाली (सांबलपुर) में ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़े गए स्वतंत्रता संग्राम के विभिन्न पहलुओं पर आधारित निबंधों का संग्रह है. इस किताब में वीर सुरेन्द्र साईं और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़े गए संघर्ष का विवरण दिया गया है, जिसमें उनकी गुरिल्ला युद्ध रणनीतियाँ और साहस को विशेष रूप से सराहा गया है. किताब में उस समय के सामाजिक-राजनीतिक हालात, उपनिवेशी नीतियों का सांस्कृतिक प्रभाव और विद्रोह की मानवता पक्ष को भी रेखांकित किया गया है. साथ ही, स्थानीय नायक जैसे छबिला साईं और श्रीकृष्ण बेहरा के साहसिक योगदानों को भी प्रकाशित किया गया है.
किताब का अन्य भाषाओं में अनुवाद
इस किताब की महत्ता को समझते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक युर्वराज मलिक ने घोषणा की कि इस किताब का अनुवाद 10 अन्य भाषाओं में किया जाएगा, ताकि यह ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुंच सके और शहीदों की गाथा को अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके.
विमोचन कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियाँ
इस विमोचन समारोह में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) सांबलपुर के निदेशक महादेव जायसवाल और सांबलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिधु भूषण मिश्रा सहित कई चेहरे उपस्थित थे. कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त हिमांशु कुमार लाल, राजस्व आयुक्त सचिन रामचंद्र जाधव, जिला कलेक्टर सिद्धेश्वर बालिराम बॉन्डर, पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार भामू और किताब के योगदानकर्ता दीपक कुमार पांडा भी उपस्थित थे.
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