प्रतीकात्मक तस्वीर
वित्त वर्ष 2023-24 की अच्छी शुरूआत हुई है. दरअसल इस वित्त वर्ष में अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की तरफ से बाजार में 8767 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. ये खबर इसलिए जरूरी हो जाती है क्योंकि पिछले वित्त वर्ष में FPI पूरे साल बिकवाली करते रहे थे. जिसके चलते शेयर बाजार में कापी उतार-चढ़ाव देखे गए.
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2022 -23 की बात करें तो फॉरेन पोर्टपोलियो निवेशकों ने बीते साल भारतीय शेयर बाजार से 37 हजार 631 करोड़ रुपए निकाले थे. ग्लोबल लेवल पर केंद्रीय बैंको के सख्त रवैये के बीच FPI ने बाजार में खरीदारी न के बराबर की थी और पूरे साल लगातार पैसा निकालते रहे थे. वहीं अगर 2021-22 वाले वित्त वर्ष की बात करें तो विदेशी निवेशकों ने लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी. जबकि इससे पहले के सालों में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में पैसा इंवेस्ट किया था. 2020-21 में 2.7 लाख करोड़ रुपए और 2019-20 में 6152 करोड़ रुपए डाले थे.
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डिपॉजिटरी आंकड़ो से साफ पता चल रहा है कि इस साल 3 अप्रैल से 13 अप्रैल तक के टाइम पीरियड में विदेशी निवेशकों ने बाजार में 8767 करोड़ रुपए का निवेश किया है. अप्रैल के महीने में FPI ने डेट मार्केट से 1085 करोड़ रुपए की निकासी भी की है. जबकि इसके पहले मार्च में जी क्यू पार्टनर्स की तरफ से एक बड़ा हिस्सा मार्केट में अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश किया था अगर उस पैसे को काउंट न किया जाए तो बीते साल का मार्केट में इंवेस्टमेंट फ्लो नेगेटिव हो जाएगा.
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