Bharat Express

1984 सिख विरोधी दंगा मामला: राऊज एवेन्यु कोर्ट 9 मई को करेगा सुनवाई, सज्जन कुमार का बयान फिर टला

1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े जनकपुरी केस में अगली सुनवाई अब 9 मई को होगी. सज्जन कुमार का बयान दर्ज होना था, लेकिन सीबीआई और बचाव पक्ष के आग्रह पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी.

Sajjan Kumar

सज्जन कुमार

1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में राऊज एवेन्यु कोर्ट 9 मई को सुनवाई करेगा. इस मामले में सज्जन कुमार का बयान दर्ज होना था, लेकिन सीबीआई और सज्जन कुमार के वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले में सुनवाई को टाल दिया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. पिछली सुनवाई में इस मामले में सज्जन कुमार का बयान दर्ज हुआ था.  सज्जन कुमार को कोर्ट ने सरस्वती विहार के मामले में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है.

यह मामला सरस्वती विहार में जसवंत सिंह और उसके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से जुड़ा है. कोर्ट ने 41 साल बाद इस मामले में सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान स्पेशल पीपी ने कोर्ट को बताया था कि मामले में दोबारा जांच के बाद क्या सबूत हाथ लगा है. सिख विरोधी दंगों के दौरान दिल्ली के सरस्वती विहार में दो सिखों की हत्या कर दी गई थी. कोर्ट ने एक नवंबर 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित यह मामला है.

सरस्वती विहार हत्याकांड में सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा

मामले की सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि सज्जन कुमार का नाम शुरू में नही था. याचिकाकर्ता गुरलाड सिंह काहलों की ओर से वरिष्ठ वकील एच. एस फुल्का ने दलील दी थी कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के साथ मिलीभगत में था. ये सामान्य मामले नहीं है. इन मामलों में लीपापोती की गईऔर राज्य ने ठीक से अभियोजन पक्ष ने नहीं किया. ये अपराध मानवता के खिलाफ है. सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट की पालम कॉलोनी में 5 सिखों की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई. सितंबर 2023 को राऊज एवेन्यु कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपूरी में 3 सिखों की हत्या के मामले में बरी कर दिया था. 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे. 2005 में गठित नानावटी आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में 2733 लोगों की हत्या हुई और 587 एफआईआर दर्ज हुई. सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिल्ली पुलिस को इन मामलों में अपील दाखिल न करने पर फटकार लगा चुका है.

ये भी पढ़ें: Pahalgam Terror Attack: सुप्रीम कोर्ट और वकीलों की कड़ी निंदा, सैन्य कार्रवाई की मांग तेज

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read