

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन जेम्स मिशेल को पांच लाख रुपये के जमानती बांड और उतनी ही राशि के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है. हालांकि, मिशेल ने जान का खतरा बताते हुए जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया.
मिशेल को भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. लेकिन वह जेल से तभी बाहर आ सकेगा जब उसका पासपोर्ट नवीनीकरण के बाद अदालत में जमा किया जाएगा, क्योंकि उसकी पासपोर्ट की वैधता समाप्त हो चुकी है.
विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने जब जेल से पेश किए गए मिशेल से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में पासपोर्ट का कोई जिक्र नहीं है, तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं जमानत नहीं चाहता, मैं जेल में ही रहना चाहता हूं. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली मेरे लिए एक बड़ा कारागार है और उनका परिवार दिल्ली नहीं आ सकता.
मिशेल ने जताई सुरक्षा को लेकर चिंता
मिशेल ने कोर्ट में कहा, “जब भी मैं तिहाड़ से बाहर जाता हूं, कुछ न कुछ हो जाता है. मेरी सुरक्षा खतरे में है. मैं अपनी सजा पूरी करने के बाद ही देश छोड़ना चाहता हूं. मैं जमानत नहीं चाहता.”
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि “जब आपको जमानत मिल गई है, तो हम आपको जेल में कैसे रख सकते हैं?” लेकिन मिशेल ने दोबारा कहा कि वह बाहर नहीं जाना चाहता क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है.
जब न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि मिशेल दिल्ली में कोई सुरक्षित घर ढूंढ सकता है, तो उसने जवाब दिया कि “मुझे पुलिस से ही समस्या है, मैं आपसे व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहता हूं.” इसके बाद न्यायाधीश ने मीडिया और पुलिस को बाहर भेजकर मिशेल से बंद कमरे में बातचीत की.
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-भारत एक्सप्रेस
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