
सांकेतिक तस्वीर
Women’s Day 2025: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटारमणि ने भारत के राष्ट्रीय कानूनों के निर्माण में महिलाओं की भागीदारी को वैश्विक उदाहरण बताया और संविधान के निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया.
वे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सोसाइटी ऑफ इंडियन लॉ फर्म्स (SILF) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अर्चना पाठक दवे ने संविधान सभा की उन पंद्रह महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला, जिन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उन्होंने कहा कि महिलाओं की बहुआयामी क्षमताएँ उन्हें पेशेवर जिम्मेदारियों के साथ पारिवारिक दायित्वों को भी बखूबी निभाने में सक्षम बनाती हैं.
सीनियर एडवोकेट और SILF के अध्यक्ष डॉ. ललित भसीन ने कहा कि महिलाएँ शक्ति और दिव्यता का स्रोत हैं, और नारीत्व का सम्मान एवं उत्सव मनाया जाना चाहिए। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर ही ध्यान केंद्रित करने के बजाय, उनका सम्मान करना अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे स्वयं अपनी रक्षा करने में सक्षम हैं.
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