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दिल्ली हाईकोर्ट ने PFI नेता ओएमए सलाम को केरल जाने की अनुमति दी, यात्रा का खर्च खुद उठाने का आदेश​

दिल्ली हाईकोर्ट ने PFI नेता ओएमए सलाम को तीन दिन के लिए केरल जाने की अनुमति दी, यात्रा का खर्च खुद उठाने का आदेश दिया, और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की शर्त रखी.

Delhi High Court
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

दिल्ली हाईकोर्ट ने पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नेता ओएमए सलाम को तीन दिन के लिए कस्टडी पैरोल पर केरल जाने की अनुमति दे दी है. जस्टिस रवींद्र डुडेजा ने कहा कि ओएमए सलाम को अपने और सुरक्षाकर्मियों के लिए यात्रा का खर्च खुद उठाना होगा. इससे पहले एनआईए ने सलाम की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया था.

सलाम ने बेटी के निधन के बादउसके अंतिम कार्यक्रम में शामिल होने के लिए केरल स्थित अपने गृहनगर जाने को लेकर हिरासत पैरोल मांगा था. एनआईए के वकील ने कहा था कि याचिकाकर्ता की बेटी का एक साल पहले निधन हो गया था. एनआईए ने कहा था कि आरोपी के एक दिन के लिए उसके गृहनगर जाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन 15 दिनों के लिए हिरासत पैरोल संभव नहीं है.

ओएमए सलाम ने अपनी बेटी के निधन पर आयोजित समारोह के लिए केरल में अपने गृहनगर जाने की अनुमति मांगी थी. सलाम के वकील ने कोर्ट से कहा कि उसके मुवक्किल की बेटी का निधन एक दुर्घटना में हो गया था. उसे बेटी की कब्र पर प्रार्थना समेत कुछ रीति-रिवाज अपनाने हैं. यह 18 अप्रैल से 2 मई तक चलेगा. सलाम अपनी हिरासत पैरोल का खर्च भी वहन करेगा. इसलिए उसे हिरासत पैरोल दिया जाए. सलाम के वकील ने यह भी कहा कि यह अंतरिम जमानत का मामला नहीं है. बेटी की कब्र पर पार्थना करने के लिए एक दिन और छह घंटे उचित नहीं है.

NIA ने सलाम को किया था गिरफ्तार

प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए एनआईए ने वर्ष 2022 में उसके प्रमुख सलाम को गिरफ्तार किया था. उसने आरोप लगाया कि पीएफआई और संगठन के सदस्यों ने देश के कई हिस्सों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने का साजिश रची थी. उसके लिए अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण शिविर भी चलाए थे.

केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, असम, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, दिल्ली और राजस्थान समेत अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में गिरफ्तारियां की गई थी. सरकार ने 28 सितंबर, 2022 को कड़े आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही उन पर आईएसआईएस जैसे वैिक आतंकवादी समूहों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया था.

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-भारत एक्सप्रेस



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