
दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जमानत शर्तो में संशोधन की मांग करने वाली क्रिश्चयन जेम्स मिशेल की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने मिशेल की ओर से दायर याचिका पर दोबारा सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि पहले यह निर्णय लिया गया था कि जिन मामलों में भारतीय जमानत पेश नहीं कि जा सकती, वहां कोई विदेशी व्यक्ति भी जमानत पेश कर सकता है. यहां तक कि जब कोर्ट ने किसी व्यक्ति को स्थानीय जमानत पर छोड़ देती है, तब भी पासपोर्ट जमा करना जरूरी था.
याचिका को बताया गया अकादमिक और गैर-जरूरी
याचिका में मांग की गई अकादमिक है. क्योंकि सीबीआई का आदेश लागू है, इसमें कोई ढील नहीं दी जानी चाहिए. वही मिशेल की ओर से पेश वकील अल्जो जोसेफ ने कहा कि कुल मिलाकर यह 6 साल और 5 महीने की सजा है.
मिशेल का कहना है कि संशोधन जेल नियमों के मुताबिक, मैं अच्छे आचरण के आधार पर छूट का पात्र हूं. मान लें कि मुझे दोषी ठहराया गया है, तो मुझे एक-एक महीने की छूट मिलेगी. यानी 6 साल की.सजा के लिए 6 महीने.
हालांकि पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. लेकिन फिर से सुनवाई शुरू की गई और ट्रायल कोर्ट के आदेश के लिए खुला छोड़ दिया गया, जिसके तहत मिशेल को पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दी गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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