

दिल्ली जल बोर्ड में कथित घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. कोर्ट ने दोनों को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये जमानत पर बाहर आने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ नही करेंगे, गवाहों को प्रभावित नही करेंगे, साथ ही कोर्ट ने पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है.
कोर्ट ने दोनों को 50 हजार रुपये की निजी मुचलके पर जमानत दे दिया है. पिछले साल 24 अक्टूबर 2024 को राऊज एवेन्यु कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, उनकी पत्नी अलका अरोड़ा सहित अन्य की 8.80 करोड़ रुपये की कुल अचल और चल संपत्तियों को जब्त कर रखा है. जब्त की गई संपत्तियों में इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज (उप ठेकेदार) और एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल की प्रॉपर्टी शामिल है.
कोर्ट में 8 हजार पेज की चार्जशीट की गई दाखिल
ईडी द्वारा राऊज एवेन्यु कोर्ट में 8 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की गई है. जिसमें जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, अरोड़ा के चार्टेड अकॉउंटटेड तजेंद्र सिंह सहित एनबीसीसी के पूर्व अधिकारी देवेंद्र कुमार मित्तल और एक कंपनी एनकेजी को आरोपी बनाया है.
इसी मामले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली ने धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत राजिंदर कुमार गुप्ता, पूर्व सीएमडी, डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड, उनकी पत्नी रीमा सिंगल और उनके पुत्र गौरव सिंगल से संबंधित कुल 3.27 करोड़ रुपए कीमत की गुड़गांव स्थित अचल संपत्तियों को जब्त कर रखा है. दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की है. इसमें दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत से संबंधित मामले शामिल है.
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-भारत एक्सप्रेस
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