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पेगासस मामले में कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग, कोर्ट ने सुनवाई टाली

पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई फिर टली. याचिकाकर्ताओं ने रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की, कोर्ट ने अगली सुनवाई टाली. जानिए पूरा अपडेट.

Supreme Court
Edited by Akansha

पेगासस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई टल गई है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील श्याम दीवान ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की. जिसपर कोर्ट ने कहा कि मामले में आज सुनवाई संभव नही है. यह मामला पत्रकारों, न्यायाधीशों, कार्यकर्ताओं और अन्य व्यक्तियों की निगरानी के लिए पेगासस स्पाइवेयर के कथित उपयोग से संबंधित है.

सॉलिसिटर जनरल ने अप्रैल में सुनवाई करने का किया अनुरोध

इससे पहले 7 मार्च 2025 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था लेकिन केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई अप्रैल में करने का अनुरोध किया था. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर. वी रवींद्रन ने की थी.

कोर्ट ने तीन सदस्यीय समिति को दिया आदेश

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ मोबाइल उपकरणों में मैलवेयर की उपस्थिति पाई, लेकिन यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि यह पेगासस स्पाइवेयर था या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानून के शासन द्वारा शासित लोकतांत्रिक देश में व्यक्तियों पर अंधाधुंध जासूसी की अनुमति नहीं दी जा सकती और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरवी रविन्द्रन कि अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति को आदेश दिया.

जासूसी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका की गई दायर

वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास, वकील एमएल शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और आरएसएस विचारक के एन गोविंदाचार्य द्वारा जासूसी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई है. याचिकाओं में कथित जासूसी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच की मांग की गई थी.

पेगासस जासूसी का मुद्दा दुनिया भर में मशहूर

याचिका में कहा गया था कि सैन्य ग्रेड स्पाइवेयर का उपयोग करके लक्षित निगरानी निजता के अधिकार का अस्वीकार्य उल्लंघन है. बता दें कि पेगासस जासूसी का मुद्दा दुनिया भर के तमाम देशों में इन दिनों सुर्खियां बना हुआ है. फ्रांस समेत कई देशों ने इसकी जांच को लेकर आदेश दिए है. याचिकाकर्ताओं ने यह भी दलील दी थी कि जब दूसरे देशों में इसको लेकर जांच हो रही है, तो भारत में क्यों नही.

-भारत एक्सप्रेस 



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