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हाईकोर्ट का दिल्ली सरकार को बड़ा आदेश, नाथू कॉलोनी Flyover की मरम्मत के लिए तीन महीने का दिया समय

दिल्ली हाई कोर्ट ने नाथू कॉलोनी चौक के पास स्थित एक दशक पुराने फ्लाईओवर की मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी और डीटीटीडीसी को तीन महीने का समय दिया.

Delhi High Court

नाथू कॉलोनी चौक के पास बने एक दशक पुराने फ्लाईओवर में आई खराबियों की मरम्मत कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे तीन महीने में मरम्मत करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन की ओर से दायर याचिका का निपटारा कर दिया है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीडब्ल्यूडी और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम के वकीलों की ओर से दी गई दलीलों के बाद कोर्ट ने कहा कि अब याचिका पर आगे सुनवाई कोई औचित्य नही है.

दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि संबंधित अधिकारियों ने अब फ्लाईओवर की मरम्मत/पुनर्निर्माण का काम अपने हाथ में ले लिया है. याचिकाकर्ता भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन ने पिछले साल जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें दिल्ली सरकार और उसके लोक निर्माण विभाग तथा डीटीटीडीसी को नाथू कॉलोनी चौक के पास फ्लाईओवर की मरम्मत करने और इसे फिर से खोलने के निर्देश देने की मांग की थी.

मरम्मत कार्य में देरी का मुद्दा

मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अधिकारियों ने फ्लाईओवर का निरीक्षण करने के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी नियुक्त की है और आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई है. उन्होंने कहा कि जैसे ही रिपोर्ट प्राप्त होगी फ्लाईओवर की मरम्मत की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

यह भी कहा कि मुख्यमंत्री आतिशी खुद इस मामले से अवगत है और तीन महीने में निरीक्षण पूरा ही जाएगा और उसके बाद मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा. वही याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह पिछले आठ वर्षों से मरम्मत का मुद्दा उठा रहे हैं यहां तक कि विधानसभा में भी उन्होंने यह मुद्दा उठाया था. लेकिन अभी तक मरम्मत का काम नही हुआ है.

जानें मामला

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फ्लाईओवर की दोषपूर्ण स्थिति के लिए शहर के अधिकारियों की खिंचाई की थी और कहा था कि मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की जानी चाहिए. हाई कोर्ट ने कहा था कि कमजोर संरचना के बावजूद मामले में न तो कोई आंतरिक जांच हुई और न ही किसी को इस बात की परेशानी थी कि फ्लाईओवर की स्थिति पर 2021 से ही प्रशिक्षित है. अदालत ने यह भी कहा था कि यह स्पष्ट है कि कोई भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश कर रहा था.

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-भारत एक्सप्रेस 



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