
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का मामला अब देश के सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट पहुच चुका है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने जनहित याचिका दायर की है. दायर जनहित याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इसके अलावे याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है.
याचिका में कहा गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते हिंसा हुई है. इसमें कुछ लोगों की जान चली है है, जो लोग घायल हुए है. हजारों लोगों को अपना घर छोड़ कर भागना पड़ा है. याचिका में हिंसा प्रभावी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, करने के साथ ही ऐसे अन्य आदेश पारित करने की मांग की गई है जिसे कोर्ट न्याय और समानता के हित में उचित समझे.
हिंसा में कई लोगों की मौत, हजारों ने छोड़े अपने घर
बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट ने पहले ही मुर्शिदाबाद सहित अन्य जगहों पर हुई हिंसा से संबंधित मामले में संज्ञान ले चुका है और हिंसाग्रस्त इलाके में केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दे चुका है. इसी बीच बीएसएफ के पूर्व कमांड के एडीजी रवि गांधी आज (सोमवार) से मालदा और मुर्शिदाबाद के दो दिवसीय दौरे है.
इस दौरान वह हिंसा प्रभावित इलाकों सूती, समसेरगंज, जंगीपुर का दौरा करेंगे साथ ही संवेदनशील इलाकों में जहां बीएसएफ की तैनाती की गई है, उसकी समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौपेंगे.
दरअसल पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में आईएसएफ विधायक सिद्धिकी वक्फ कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस पर्दर्शन में शामिल होने के लिए लोगों को पुलिस ने रोका. इसके बाद लोग उग्र हो गए और उन्होंने सड़क पर जाम लगा दिया. वही प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया.
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-भारत एक्सप्रेस
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