
No Fuel for Old Vehicles: दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. यह याचिका 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर पेट्रोल पंप के खिलाफ लगाए गए जुर्माने के खिलाफ दायर की गई है.
हाई कोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस मिनी पुष्कर्णा की बेंच सितंबर में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आनंद वर्मा ने कहा कि हमारी याचिका में कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 (1) केवल वाहन के मालिक या चालक पर लागू होती है. धारा 192 (1) के अनुसार अपंजीकृत वाहन चलाने वाले किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है. हम सरकार की नई नीति को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है और इसका स्वागत करते हैं, लेकिन 192 (1) के तहत मुकदमा केवल मालिकों और चालकों तक ही सीमित रहना चाहिए, आप इसे पेट्रोल पंप संचलकों थ नही बढ़ा सकते हैं.
दिल्ली में पुराने वाहनों को अब नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 1 जुलाई 2025 से राजधानी के सभी पेट्रोल पंपों को निर्देश दिया गया है कि 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन न दें.
सरकार ने यह आदेश कमीशन फॉर एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट द्वारा दी गई रिपोर्ट के बाद दिया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि एक पेट्रोल पंप पर प्रतिदिन तीन हजार वाहन ईंधन भरवाने आते है, कई बार एक साथ विभिन्न यूनिटों से ईंधन प्रदान किया जाता है. ऐसे में गलती की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2018 में दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया था. वही एनजीटी ने 2014 में 15 साल पुराने वाहनों की सार्वजनिक स्थानों पर पार्किंग पर रोक लगा दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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