बृजभूषण शरण सिंह (फोटो-सोशल मीडिया)
Brijbhushan Sharan Singh Case: भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे नाबालिग महिला पहलवान की यौन शोषण के मामले को बंद कर दिया जाए या नहीं. इसपर पटियाला हाउस कोर्ट 15 अप्रैल को फैसला सुनायेगा. फैसला तैयार नही होने के चलते सुनवाई को कोर्ट ने 15 अप्रैल के लिए टाल दिया है. दिल्ली पुलिस ने मामले को बंद करने का अनुरोध अदालत से किया है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि मामले में कुछ स्पष्टीकरण की जरूरत है. पुलिस ने पिछले साल जून में अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल कर नाबालिग पहलवान की ओर से दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की थी. पिछले साल 1 अगस्त 2023 को बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया था कि वह मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से संतुष्ट है और पुलिस ने जो क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी, वह उसका विरोध नही करती है.
क्या बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ झूठे आरोप लगे थे?
पुलिस ने 15 जून 2023 को अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें नाबालिग पहलवान से जुड़े मामले को रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि उसके पिता ने जांच के बीच में चौकाने वाला दावा किया था कि उन्होंने सिंह से बदला लेने के लिए उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप लगाए थे. नाबालिग पहलवान और उसके पिता दोनों ने इन-कैमरा बयान दर्ज कराया था. इन कैमरा का मतलब सुनवाई के समय दोनों पक्षों के अलावा दूसरा कोई उपस्थित नही होता हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए 4 जुलाई 2023 को शिकायतकर्ता नाबालिग पहलवान को नोटिस जारी किया था.
बता दें कि 15 जून 2023 को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट ने रिपोर्ट दाखिल कर बीजेपी नेता बृज भूषण शरण सिंह को क्लीन चिट दे दी थी. दिल्ली पुलिस ने नाबालिग पहलवान की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में बृज भूषण शरण सिंह को क्लीन चिट देते हुए आरोप निरस्त करने की मांग की है.
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-भारत एक्सप्रेस
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