

सुप्रीम कोर्ट से यू-ट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को मिली राहत को कोर्ट ने बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर लगी रोक को बढ़ा दिया है. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच सोमवार को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. पासपोर्ट रिलीज करने को लेकर कोर्ट ने की इसपर एक सप्ताह बाद विचार किया जाएगा.
उन सह आरोपियों के बारे में जानकारी देने को कहा है जो पेश नही हो रहे है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से रिट याचिका दायर करने की सलाह दी है. कोर्ट ने कहा कि आप जो राहत चाहते हैं, वह रिट याचिका में अधिक प्रभावी ढंग से दी जा सकती है. वही मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि इलाहाबादिया के मामले में महाराष्ट्र में जांच पूरी हो गई है.
असम के मामले में एक आरोपी को कल तलब किया गया है. पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिनव चंद्रचूड ने चंद्रचूड ने सुप्रीम कोर्ट से इलाहाबादिया पर लगाई गई पासपोर्ट जमा करने की शर्त में संशोधन करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि यह शर्त उनकी आजीविका को प्रभावित करती है. चंद्रचूड ने कहा था कि रणवीर इलाहाबादिया ने कोर्ट के निर्देश के मुताबिक गुवाहाटी पुलिस को जांच में सहयोग किया है.
कर्मचारियों के परिवार का जीवनयापन हो रहा प्रभावित
राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें बुलाया था, वह वहां भी गए. पिछली सुनवाई में उन्होने कहा था कि हास्य एक ऐसी चीज है, जिसका पूरा परिवार आनंद ले सकता है. किसी को भी शर्मिंदा महसूस नहीं होती. हर तरह की गंदी भाषा का इस्तेमाल करना प्रतिबंध नही है. केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कीमती है, जिसकी रक्षा होनी चाहिए. लेकिन अश्लीलता को अगली पीढ़ी तक नही पहुचने दिया जाना चाहिए.
वही रणवीर इलाहाबादिया की ओर से पेश अभिनव चंद्रचूड़ ने कहा था कि इस प्रतिबंध के कारण केवल उनका खुद का नही बल्कि, उनके 280 कर्मचारियों के परिवार का जीवनयापन प्रभावित हो रहा है. समाज दर समाज, नैतिक मानक अलग-अलग हो सकते है. हमने खुद को अधिकारों की गारंटी दी है. लेकिन वे शर्तो के अधीन है. इंडियाज गॉट लेटेंट मामले में चल रहे केस में यूटुयूबर और पॉडकस्टर रणवीर इलाहाबादिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल किया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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