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अस्पतालों से बच्चों की चोरी के मामले में सरगना को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को गैंग लीडर पूजा को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने को कहा है. पूजा दिल्ली की रहने वाली है. जो बच्चों को चोरी से संबंधित गैंग का संचालन करती है.

Supreme Court
Edited by Akansha

अस्पतालों से बच्चों की चोरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को गैंग लीडर पूजा को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने को कहा है. पूजा दिल्ली की रहने वाली है. जो बच्चों को चोरी से संबंधित गैंग का संचालन करती है. कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों ने बच्चे को खरीदा है और जिन्होंने बेचा है. दोनों बराबर के दोषी है. जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने एक महीने बाद इस मामले में अगली सुनवाई करेगी.

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मांगी जानकारी

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर विश्वेंद्र चौधरी से अब तक इस मामले में हुई तफ्तीश और कार्रवाई से संबंधित जानकारी मांगी है. इंस्पेक्टर विश्वेंद्र चौधरी द्वारका जिला में स्पेशल स्टाफ ब्रांच में कार्यरत हैं और उन्होंने कोर्ट को बताया कि अभी तक हुई तफ्तीश के दौरान ये बता चला है कि अस्पताल से बच्चा चोरी के मामले में पूजा नाम की एक आरोपी को दिल्ली पुलिस तलाश रही है , जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. आरोपी पूजा के चार गुर्गे अभी तक गिरफ्तार किया जा चुका है.

अगले एक महीने के अंदर कोर्ट को दें जानकारी

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि “मासूम बच्चों की चोरी के पीछे , जरूर कोई विशेष मकसद रहा होगा ” इस मामले की जड़ तक तफ्तीश करें और अगले एक महीने के बाद कोर्ट को जानकारी दें और इस मामले में अभी तक पूजा नाम की जिस महिला आरोपी का नाम सामने आ रहा है ,उसके खिलाफ और उसके गैंग के खिलाफ क्या कार्रवाई आपकी दिल्ली पुलिस करेगी, इस मामले की भी रिपोर्ट हमें दें. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी अस्पताल से नवजात बच्चे को चुराया जाता है तो सबसे पहले उसे अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया जाना चाहिए.

दिल्ली एनसीआर में नवजात बच्चों की तस्करी

बता दें कि कोर्ट ने यह टिप्पणी दिल्ली एनसीआर में नवजात बच्चों की तस्करी के गैंग के पर्दाफाश से संबंधित मामले में संज्ञान लेने के बाद कही है. कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली गैंग के पर्दाफाश की घटना अपने आप में हतप्रभ करने वाली है और इसमें कोर्ट के दखल की जरूरत है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के हइकॉर्ट्स को बाल तस्करी के मामलों में लंबित मुकदमों की स्थिति जानने का निर्देश दिया है. इसके बाद 6 महीने में मुकदमे को पूरा करने और दिन प्रतिदिन सुनवाई करने का निर्देश दिया जाएगा.

आरोपी को बेटे की थी चाहत

कोर्ट ने यह आदेश उस मामले की सुनवाई के दौरान की जिसमें तस्करी करके लाए गए एक बच्चे को उत्तर प्रदेश के एक दंपत्ति को सौंप दिया गया था, जो बेटा चाहते थे. कोर्ट ने कहा कि आरोपी को बेटे की चाहत थी और उसने चार लाख रुपये में बेटा खरीद लिया. अगर आप बेटे की चाहत रखते है, तो आप तस्करी किए गए बच्चे को नहीं खरीद सकते. वह जानता था कि बच्चा चोरी हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिया ये निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई विस्तृत सिफारिशों पर विचार करें और भारतीय संस्थान द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अध्ययन करें और जल्द-से जल्द उसे लागू करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाल तस्करी के निर्देशों को लागू करने में किसी भी तरह की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा. कोर्ट ने कहा कि माता-पिता के रूप में आपको अपने बच्चे के बारे में सतर्क रहना चाहिए. जब बच्चा मर जाता है तो माता-पिता को जो दर्द और पीड़ा होती है, वह तब अलग होती है, जब बच्चा तस्करी के गिरोह के हाथों खो जाता है. जब बच्चा मर जाता है तो बच्चा भगवान के पास होता है, लेकिन जब वह खो जाता है कि वे ऐसे गुरोहों की दया पर होते है.

-भारत एक्सप्रेस 



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