
सुप्रीम कोर्ट

अपहरण के मामले में गिरफ्तार निलंबित एडीजीपी एच. एम जयराम की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 18 जून को सुनवाई करेगा. जयराम ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दिए गए उनकी गिरफ्तारी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मद्रास हाईकोर्ट ने सशस्त्र बल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एच. एम जयराम की तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दिया था, जिसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया था.
तिरुवलंकाडू पुलिस ने अपहरण मामले में जयराम की लिप्तता की आशंका व्यक्त की थी. जिसकी जांच कर रिपोर्ट देने को जयराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. हालांकि जयराम तीस जून को रिटायर्ड होने वाले हैं. जयराम को तिरुवल्लूर जिले के थिरुवलंगड में प्रेम-विवाह विवाद में 15 वर्षीय लड़के के अपहरण के मामले में हाई कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.
रिटायरमेंट से पहले गिरफ्तारी, पेंशन लाभ पर संकट
बताया गया है कि किशोर का अपहरण उन लोगों ने किया था जो उसके बड़े भाई के बारे में जानकारी हासिल करना चाहते थे. जिसने थेनी जिले की एक युवती से परिवार के इच्छा के विरोध के बावजूद विवाह कर लिया था. मद्रास हाईकोर्ट ने विधायक पर राजनीतिक दबाव डालकर वैधानिक जांच को बाधित करने का भी आरोप लगाया है.
यह शिकायत अपहृत किशोर की मां ने दर्ज कराया गया है, जिसमें आरोप है कि कुछ लोग उनके बड़े बेटे को ढूढते हुए कलंबक्कम स्थित उनके घर में जबरन घूस आए थे. जब बड़ा बेटा नही मिला तो आरोपियों ने छोटे बेटे को अगवा कर लिया.
शिकायत में यह भी कहा गया है कि अपहरणकर्ता खुद को पुलिसकर्मी बताकर आए थे, और बाद में उस किशोर को एडीजीपी जयराम के वाहन से एक होटल के पास छोड़ दिया. पुलिस की माने तो तमिलनाडु पुलिस विभाग के विशेष डीजीपी रहे राजेश दास समेत कई वरिष्ठ अधिकारी पहले भी इस तरह के कृत्य में पकड़े जा चुके हैं. इस कृत्य के कारण अधिकारियों की सेवानिवृति में दिक्कतें आएगी, साथ ही उन्हें मिलने वाली पेंशन का लाभ भी प्रभावित होगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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