सुप्रीम कोर्ट. (फाइल फोटो)
AAP MLA Durgesh Pathak: आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक दुर्गेश पाठक की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दुर्गेश पाठक ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दुर्गेश पाठक की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिस याचिका में आप विधायक दुर्गेश पाठक को साल 2022 में विधायक चुने जाने का विरोध किया गया था. इस याचिका में दुर्गेश पाठक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से विधायक चुने जाने का विरोध किया गया था.
दिल्ली हाई कोर्ट से याचिका हुई थी खारिज
दुर्गेश पाठक ने कहा उस विधानसभा चुनाव में हमने प्रतिद्वंद्वी को 11,468 वोटों से हराया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि वह कानून में इस दुविधाभरी स्थिति से वाकिफ किसी याचिका को आंशिक रूप से ठुकराया नहीं जा सकता है. जहां तक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट, आरटीआर के खुलासे और शेयरहोल्डिंग से जुड़े अत्यधिक अनुमान से जुड़े दावे है, वे आवेदक के पक्ष में नजर आते गई. परफॉर्म 26 के संदर्भ में उम्मीदवार द्वारा अपने खिलाफ एफआईआर का मुद्दा ऐसा है, जिस पर साफतौर पर विचार बनता है.
क्या है याचिकाकर्ता का दावा?
याचिकाकर्ता राजन तिवारी का दावा है कि वो राजेंद्र नगर विधानसभा सीट के वोटर है. उन्होंने जिन चार आधारों पर चुनौती दी है. उनका पहला नॉमिनेशन फ़ाइल करते हुए आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा न करना. दूसरा, नॉमिनेशन के स्क्रूटनी वाले दिन तक लाभ का पद पर कायम रहना. तीसरा वित्तीय वर्ष 2019-2020 के आयकर रिटर्न दाखिल करते हुए तथ्यों को छिपाया और एक प्राइवेट कंपनी में शेयर होने के बारे में चुनाव आयोग के समक्ष गलत दावे करना. दुर्गेश पाठक ने अपनी याचिका में कहा है कि सिविल प्रोसिजर कोड की धारा 7(11)(ए) के तहत उनके खिलाफ दायर याचिका सुनवाई योग्य नही है और इसे खारिज किया जाना चाहिए.
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