

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में रामनवमी के दौरान बिजली की आपूर्ति में कटौती से संबंधित दायर याचिका का निपटारा कर दिया है. सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन किया है. राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस साल रामनवमी के दौरान नियुन्तम बिजली की कटौती की गई. सिब्बल ने यह भी कहा कि अस्पतालों में.
बिजली आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा न आने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का भी पालन किया गया. बता दें कि झारखंड सरकार ने करंट की घटनाओं का हवाला देते हुए बिजली आपूर्ति काटने की इजाजत मांगी थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस निर्देश को संशोधित किया, जिसमें राज्य के अधिकारियों को धार्मिक जुलूसों के दौरान बिजली की आपूर्ति में कटौती करने से रोक दिया गया था.
करंट लगने से 28 लोगों की हुई मौत
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया था कि बिजली के झटके और उसके बाद होने वाली भगदड़ से बचने के लिए ऐसे जुलिसों के दौरान बिजली की आपूर्ति में कटौती करने की प्रथा दो दशक पुरानी है. कोर्ट ने कहा कि अप्रैल 2000 में जुलूस के दौरान करंट लगने से 28 लोगों की मौत हो गई थी.
हाई कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और जेबीवीएनएल से पूछा था कि सरहुल के दिन घंटो बिजली आपूर्ति बाधित क्यों रही? इससे होने वाली परेशानियों को ध्यान में होने नहीं रखा गया? बिजली काटे जाने से लोगों को होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए क्या वैकल्पिक उपाए किये जाते है. जिसको राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. गौरतलब है कि झारखंड हाई कोर्ट ने सरहुल और रामनवमी के दौरान 10-10 घंटे बिजली कटौती पर कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार को जुलूस के समय.बिजली न काटने का निर्देश दिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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