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महिला एडीजे की CCL याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, झारखंड हाईकोर्ट से मांगा जवाब

झारखंड की एक महिला एडीजे द्वारा चाइल्ड केयर लीव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर अदालत ने हाई कोर्ट और सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट अगस्त में करेगा अगली सुनवाई…

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

झारखंड की एक महिला एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (एडीजे) की ओर से दायर नई अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की अवकाशकालीन पीठ ने यह नोटिस जारी किया है. कोर्ट अगस्त के पहले सप्ताह में इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.

मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला जज को झारखंड हाई कोर्ट ने सिर्फ 92 दिन की छुट्टी दी है. जबकि उन्होंने 194 दिन की छुट्टी की मांग की थी.

वही झारखंड हाई कोर्ट की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अगर 8 महीने की सीसीएल दी जाती है, तो इससे गलत परंपरा की शुरुआत होगी और अदालत के कामकाज प्रभावित होगा. 29 मई को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और हाई कोर्ट रजिस्ट्री से इस मामले में जवाब मांगा था. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट से महिला जज की याचिका पर दोबारा विचार करने को कहा था.

CCL नियमों का दिया गया हवाला

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि हाई कोर्ट को पिछले फैसले के प्रभाव में आए बिना महिला जज की याचिका पर पुनर्विचार करें. एकल अभिभावक महिला न्यायिक अधिकारी ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के बाद यह अर्जी दायर की है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह एकल अभिभावक समाज के सबसे निचले तबके से आती है, वह अनुसूचित जाति से है. उन्होंने 4000 से अधिक मामलों का निपटारा किया है.

याचिका में कहा गया है कि चाइल्ड केयर लिव के नियम के अनुसार, न्यायिक अधिकारी को पूरी सेवा अवधि में कुल 730 दिनों की छुट्टी का अधिकार है, लेकिन उन्होंने केवल छह महीने की छुट्टी ही मांगी थी. पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को यह भी बताया था कि संबंधित जज एकल माता हैं और वर्तमान में झारखंड हाई कोर्ट के अधीन कार्यरत हैं. वह झारखंड हाई कोर्ट के अधीन है और एकल माता है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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