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सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव पहलवान की रिहाई पर देरी के लिए दिल्ली सरकार को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव पहलवान की रिहाई पर फैसला न लेने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की है.

Supreme Court
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नीतीश कटारा हत्या मामले में दोषी सुखदेव पहलवान द्वारा रिहाई पर दिल्ली सरकार द्वारा फैसला नही लेने के लिए फटकार लगाई है. जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की पीठ 22 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई करेगी. कोर्ट सुखदेव पहलवान को फिलहाल फरलो देने से इनकार कर दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आदेश का पालन नही करने पर दिल्ली के गृह विभाग के प्रिंसीपल सेक्रेटरी को अवमानना नोटिस किया था.

कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार नियमित रूप से ऐसे मामलों में देरी करती हैं. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने खुद कहा था कि दो सप्ताह में विचार किया जाएगा, लेकिन विचार नही किया.मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह मामला व्यक्ति के स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि यह मुख्यमंत्री के पास जाएगा, फिर राज्यपाल के पास. कृपया हमें बताएं कि इस विभाग का प्रभारी कौन है. हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे. वही दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा था कि आज इस मामले पर मीटिंग होनी है इसलिए सुनवाई को टाल दिया जाए.

सुखदेव पहलवान की सजा घटाकर की गई साल 20

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 2 सप्ताह में फैसला लेने को कहा था. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि सुखदेव पहलवान की 20 साल की सजा 10 मार्च को पूरी हो रही हैं, तो वह जेल में कैसे रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आखिरकार यह मुद्दा व्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है. वही सुखदेव पहलवान की ओर से पेश वकील ने कहा था कि 20 साल की सजा पूरी हो गई है, लिहाजा उसे जेल से छोड़ा जाए. 3 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव और विशाल यादव की सजा घटाकर 24 साल कर दी थी, जबकि सुखदेव पहलवान की सजा घटाकर 20 साल कर दी थी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल और 5 साल की दो सजा यानी 30 साल कैद की सजा दी थी. जबकि सुखदेव पहलवान को 20 साल और 5 साल की यानी 25 साल की कैद की सजा दी थी. विशाल यादव यूपी के बाहुबली नेता डीपी यादव का भतीजा है. दोनों की नीतीश कटारा की हत्या के दोषी है. 17 फरवरी 2002 को नीतीश कटारा की हत्या कर दी गई थी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव और विशाल यादव को मौत की सजा देने से इंकार कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला केवल हत्या का है न कि जघन्यतम अपराध का. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा था कि इस मामले में आजीवन जेल में रखने की भी सजा नही दी जा सकती.

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-भारत एक्सप्रेस



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