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सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि केस में शिवराज सिंह चौहान और विवेक तन्खा को दी सलाह, कहा-सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं विवाद

मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा से कहा कि वे आपसी बातचीत से विवाद का समाधान करें. कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने पर यह टिप्पणी की.

New Delhi: A view of the Supreme Court complex on the day of the court's verdict on a batch of petitions challenging the abrogation of Article 370 of the Constitution, in New Delhi, Monday, Dec. 11, 2023.(IANS/Anupam Gautam)

सुप्रीम कोर्ट. (फोटो: IANS)

मानहानि के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा को सलाह देते हुए कहा कि मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं. जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी और विवेक तन्खा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि हमें यह मामला सुनने के लिए मजबूर न करें.

हमें इसे बंद करने दे, आप दोनों साथ बैठकर इसे सुलझा ले. शिवराज सिंह चौहान और दो अन्य के खिलाफ दर्ज मानहानि के मामले को रद्द करने से इनकार करने वाले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जमानती वारंट का निष्पादन मामले में अदालत के समक्ष कार्यवाही में उनकी प्रभावी भागीदारी के अधीन नही किया जाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान शिवराज सिंह चौहान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा था कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा की ओर से शिकायत में जो बाते कही गई है वह सदन के पटल पर रखी जा चुकी है. संविधान के अनुच्छेद 194 (2) के अंतर्गत आते है.

संविधान अनुच्छेद 194 (2) का हवाला

अनुच्छेद 194 (2) में कहा गया है, किसी राज्य विधानमंडल का कोई भी सदस्य विधानमंडल या उसकी किसी समिति में कही गई किसी बात या दिए गए किसी मत के संबंध में किसी भी न्यायालय में किसी कार्यवाही के लिए उत्तरदायी नही होगा और कोई भी व्यक्ति ऐसे विधानमंडल के किसी सदन की तरफ से या उसके प्राधिकार के तहत किसी रिपोर्ट पत्र, मत या कार्यवाही के प्रकाशन के संबंध में ऐसा उत्तरदायी नही होगा.

बता दें कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने विवेक तन्खा की ओर से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वी. डी. शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ दायर मानहानि के मामले को 25 अक्टूबर को रद्द करने से इनकार कर दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान विवेक तन्खा ने कहा था कि 2021 में मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों से पहले मानहानिकारक बयान दिए गए थे.

जबलपुर के स्पेशल कोर्ट ने 20 जनवरी 2024 को तीनों भाजपा नेताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत मानहानि का मामला दर्ज कर समन जारी किया था. बता दें कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था.

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-भारत एक्सप्रेस 



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