प्रतीकात्मक फोटो (Pixabay)
परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में इंटरनेट शटडाउन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई करने को तैयार हो गया है. कोर्ट 29 जनवरी 2025 को याचिका पर अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया है.
कोर्ट ने अतिरिक्त दस्तावेज देने को कहा है. मनमाने ढंग से इंटरनेट शटडाउन को चुनौती देने वाली यह याचिका सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर द्वारा दायर की गई है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि यह एक दिलचस्प मामला है, जहां परीक्षा के दौरान नकल पर अंकुश लगाने के लिए इस तरह के इंटरनेट शटडाउन बक आदेश दिया जा रहा है.
टेलीकॉम सेवाओं को बंद करने से मौलिक अधिकारों का हनन
हाई स्कूल या पटवारी की परीक्षा हो और बंद के दौरान जो आर्थिक नुकसान हो रहा है वो और बढ़ गया है. वकील कन्नू अग्रवाल ने कहा कि अनुराधा भसीन मामले में फैसला कहता है कि व्यक्तिगत शिकायतों को अलग से निपटाया जाना चाहिए. हमने मुख्य सचिवों को लिखा है और संघ भी इसका ख्याल रखता है, लेकिन याचिका एक अग्रिम निर्णय चाहती है कि यह स्वयं उत्पन्न ना हो.
याचिका में कहा गया है कि मनमाने और अनुचित तरीके से टेलीकॉम सेवाओं को बंद करने से संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 के तहत प्रदत समानता के अधिकार, अभियक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार, निजता के अधिकार, व्यापार करने की स्वतंत्रता के अधिकार, जीवन के अधिकार, खाने के अधिकार, कानूनी राहत पाने का अधिकार और शिक्षा के अधिकार जैसे मौलिक अधिकारों का हनन होता है.
याचिका में राज्यों को प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने और ऐसे ही अन्य नियमित प्रशासनिक कारणों से इंटरनेट सेवा बंद नही करने के निर्देश देने की मांग की गई है.
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-भारत एक्सप्रेस
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