
तीस हजारी कोर्ट ने वर्ष 2016 में एक 15 वर्षीय अपनी छात्रा से बलात्कार करने एवं उसे गर्भवती करने के जुर्म में एक शिक्षक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार ने उसे बलात्कार व पॉक्सो के तहत दोषी करार दिया था. अपराध के समय शिक्षक 46 वर्ष का था. घटना के कुछ साल बाद पीड़िता की मौत हो गई थी.
न्यायाधीश ने उसे देखते हुए उसकी मां को 16.5 लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया. विशेष सरकारी वकील आशीष काजल ने उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हुए कहा था कि दोषी स्कूल में नाबालिग पीड़िता का अभिभावक होने के अलावा शिक्षण जैसे नेक पेशे में था.
न्यायाधीश ने कहा कि दोषी राजीव ने स्कूल शिक्षक होने के बावजूद स्कूल में पीड़िता का कई बार बलात्कार किया और इस कृत्य की वजह से नाबालिग गर्भवती हो गई. उसने एक बच्चे को जन्म दिया.
ऐसा प्रतीत होता है कि उस पर वासना इस हद तक हावी हो गई थी कि उसने पीड़िता के प्रति अपराध को अंजाम दे दिया. आजीवन कारावास का अर्थ है कि अपराधी को अपना शेष जीवन जेल में बिताना पड़ेगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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