telugu actor mohan babu
Journalist Assault Case: तेलुगू अभिनेता मोहन बाबू को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. कोर्ट ने मोहन बाबू कि गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया है. साथ ही कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है. मोहन बाबू पर पत्रकार पर हमला करने के आरोप में मुकदमा दर्ज है. जिसके बाद मोहन बाबू ने तेलंगाना हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद मोहन बाबू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
मामले की सुनवाई के दौरान मोहन बाबू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह माफी मांगने के लिए तैयार है. पीड़िता की तरफ से अगर मुआवजे की मांग की जाती है तो वह देने का तैयार है. लिहाजा उसके खिलाफ हत्या का चार्ज न लगाया जाए. वही पीड़ित की ओर से पेश वकील ने अग्रिम जमानत का विरोध किया है. कोर्ट ने कहा कि अगर आपको मुआवजा नही चाहिए तो आप हमें बताइये. वही मोहन बाबू के वकील ने कहा कि मैं अपने दोस्त से बात करूंगा, देखूंगा क्या किया जा सकता है.
पत्रकार पर किया था मामला
मोहन बाबू साउथ की 500 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके है. मोहन बाबू द्वारा टीवी पत्रकार पर किए गए हमले के बाद पत्रकारों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और मोहन बाबू के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद मोहन बाबू ने एक माफीनामा जारी किया और पत्रकार से माफी मांगी.
दर्ज एफआईआर में कहा कि जब वह 10 दिसंबर को मोहन बाबू और उनके छोटे बेटे मनोज के बीच हो रहे विवाद को कवर करने के लिए उनके जलपल्ली स्थित आवास गए, तो तेलुगू अभिनेता मोहन बाबू ने उनपर हमला कर दिया. उन्होंने कथित तौर पर माइक छीन लिया और अपमानजनक एवं अभद्र भाषा का प्रयोग किया तथा माइक से उन पर हमला कर दिया, जिससे पत्रकार को चोट लग गई. जिसके बाद पत्रकार की शिकायत पर पहाड़ीशरीफ पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 118 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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