

वक्फ संशोधित कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की एसआईटी से जांच कराने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है, ताकि याचिकाकर्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सके.
यह याचिका सतीश कुमार अग्रवाल की ओर से दायर की गई थी. याचिका में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी बनाकर जांच कराने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील बरुण सिन्हा ने कहा कि जब तक दो या इससे अधिक राज्य शामिल नहीं हैं, सुप्रीम कोर्ट संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार करने को इच्छुक नहीं है.
उसके जान का खतरा हो सकता है
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कोर्ट ने पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नही गए. कोर्ट ने कहा कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के चलन की अनुमति नही दी जा सकती है. यह हइकॉर्ट्स कि गरिमा को ठेस पहुचाने जैसा है. जबतक दो या दो से अधिक राज्य शामिल नही है, हम अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार नहीं कर सकते है.
सुनवाई के दौरान याचिका पर यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर करता है तो उसके जान का खतरा हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को अगर जान का खतरा है तो वह हाई कोर्ट में ऑनलाइन माध्यम से याचिका दायर कर सकते हैं और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रक्रिया को सुगम बनाने का निर्देश दिया.
दायर याचिका में कहा गया था कि वक्फ संशोधन कानून 2025 के पारित होने के बाद हिंसा भड़क उठी और पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई. याचिकाकर्ता ने 8 अप्रैल और 12 अप्रैल के बीच हुई हिंसा की जांच की मांग कर रहा था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
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-भारत एक्सप्रेस
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