पार्थ चटर्जी. (फाइल फोटो)
बहुचर्चित शिक्षा नियुक्ति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जेल में बंद पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 दिसंबर को सुनवाई करेगा. कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत और पुलिस हिरासत में बिताए गए अवधि की जानकारी मांगी है. साथ ही कोर्ट ने सीबीआई और ईडी केस में बिताए गए अवधि की भी जानकारी मांगी है.
पार्थ चटर्जी को जमानत मिलनी चाहिए
पार्थ चटर्जी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता पार्थ चटर्जी को जमानत मिलनी चाहिए. पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया गया था. ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है, 183 गवाह है, 4 सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. पार्थ चटर्जी की उम्र 73 साल है. वह एक मंत्री थे, जिनपर कैश फॉर जॉब का आरोप लगा है.
चटर्जी के वकील ने कहा कि पीएमएलए में 7 साल तक की सजा का प्रावधान है और चटर्जी 2.5 साल से जेल में बंद है.
आरोपी को कब तक सलाखों के पीछे रखें
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी (ED) की ओर से पेश वकील से पूछा कि हम पार्थ चटर्जी को कब तक सलाखों के पीछे रख सकते है. यह ऐसा मामला है जिसमें लगभग 2 साल 4 महीने बीत चुके है और ट्रायल कोर्ट शुरू होने में समय लग सकता है. कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि यह आपके लिए एक कठिन और मैराथन कार्य है. जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कहा कि अंतिम समय मे उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया तो क्या होगा, बीते 3 साल का क्या होगा.
ईडी ने कहा कि प्रथमदृष्टया परीक्षण इसलिए लागू होता है. यह जमानत के अलावा हर मामले में लागू हो सकता है. रोहतगी ने कहा कि मैं आपको सेंथिल बालाजी के फैसले को दिखाऊंगा. जहां मंत्री के पास पैसे मिले और सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मैं सबूत दिखा सकता हूं कि इस मामले में सजा होगी और उन्हें पूरे 7 साल की सजा होगी.
मंत्री अन्य आरोपियों जैसे नहीं
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अगर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया तो क्या होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हम कुछ समय के लिए पार्थ चटर्जी को अंतरिम जमानत देते हैं तो क्या हेोगा. जस्टिस सूर्यकांत ने पार्थ चटर्जी के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि आप उन अन्य आरोपियों के बराबर नहीं हो सकते जिन्हें जमानत मिल गई क्योंकि आप मंत्री है.
रोहतगी ने कहा कि अगर सरकार इस तरह के तर्क देती है तो यह अजीब है, ट्रायल शुरू नहीं होना ये आपकी परेशानी है, हमारी परेशानी नहीं है. यह जमानत का कानून है और सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 6 महीनों में जमानत पर कानून को सही और स्थिर करने की कोशिश की है. चाहे वह सिसोदिया हो, केजरीवाल ही, या सेंथिल बालाजी हो.
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त होना और फिर यहां यह सब कहना बहुत आसान है.
ED ने 103.10 करोड़ की संपत्ति जब्त की
पार्थ चटर्जी को ईडी ने जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था. ईडी इस मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल के पदाधिकारी पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी कहे जाने वाले अर्पिता मुखोपाध्याय के चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. 172 पेज के चार्जशीट में पार्थ चटर्जी और अर्पिता के अलावा, ईडी ने छह कंपनियों को उनके निदेशकों के माध्यम से आरोपी के रूप में दाखिल किया है.
ईडी ने चल अचल सम्पत्तियों के कुल मूल्य 48.22 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है. साथ ही ईडी ने 48.22 करोड़ रुपये कोलकाता में अर्पिता के स्वामित्व वाले दो फ्लैटों से जब्त किए गए 49.80 करोड़ रुपए ओर 5 करोड़ रुपये से अधिक से आभूषणों के अलावा ईडी अभी तक 103.10 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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