सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद मामले में सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के अध्यक्ष डॉक्टर केए पॉल ने दायर की थी.
जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि आपकी ओर से दाखिल जनहित याचिका के मुताबिक हमें सभी मंदिरों, गुरुद्वारों आदि के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं बनानी होंगी, जो संभव नहीं है. हम यह निर्देश नही दे सकते कि किसी विशेष धर्म के लिए एक अलग से व्यवस्था बनाई जाए, इसलिए जनहित याचिका को खारिज किया जाता है.
डॉक्टर केए पॉल ने अपनी याचिका में लड्डू प्रसादम की खरीद और इसकी तैयारी में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग की थी. पॉल की याचिका में कहा गया था कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों से श्रद्धालुओं में गंभीर चिंता उत्पन्न हुई है.
याचिका में अनुच्छेद 25 का हवाला देते हुए बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और मौलिक धार्मिक अधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाश डाला गया, जो धर्म का अभ्यास और प्रचार करने की स्वतंत्रता को गारंटी देता है. पॉल का कहना था कि इस मुद्दे की पवित्रता के साथ समझौता करना न केवल करोड़ों भक्तों को प्रभावित करेगा, बल्कि संस्थान की पवित्रता को भी धूमिल करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर करोड़ों लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 4 अक्टूबर को तिरुपति बालाजी लड्डू की तैयारी में पशु चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए पांच सदस्यीय स्वतंत्र एसआईटी का गठन किया था. कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अदालत का इस्तेमाल राजनीतिक लड़ाई के मैदान के रूप में नहीं किया जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस