Sawan 2023: भगवान शिव का प्रिय सावन का महीना इस बार 4 जुलाई से शुरू हो गया है. जो कि 31 अगस्त तक चलने वाला है. आपको बता दें कि अधिक मास के चलते इस बार सावन का महीना 2 महीने तक यानी की 59 दिन तक रहने वाला है. सावन में जिस प्रकार से पूजा-पाठ के नियमों का ध्यान रखा जाता है, उसी प्रकार से इस पवित्र महीने में खानपान को लेकर भी खास सावधानी बरती जाती है. सावन में कई लोग शराब पीना और मीट खाना छोड़ देते हैं, इसके पीछे ज्यादातर लोग धार्मिक तर्क देते है ऐसे में शराब पीना और मीट खाना धार्मिक नजरिए से ठीक नहीं होगा, जबकि कुछ लोग ऐसा नहीं मानते और वह शराब और मीट का सेवन करते रहते हैं जो उनके भविष्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है. सावन में मीट और शराब छोड़ना सिर्फ धार्मिक नजरिए से जरूरी नहीं है, विज्ञान के अनुसार सावन में तामसिक यानी कि शराब, मीट, तेल मसाले आदि का प्रयोग कम करना चाहिए. तो आइए समझते हैं कि क्यों सावन में मीट-मदिरा को छोड़ना जरूरी है.
सावन में मीट-मदिरा को छोड़ना क्यों है जरूरी
सावन महीने में बारिश खूब होती है. ऐसे में सूरज निकलता ही नहीं है. ऐसे में इंसान के शरीर का मेटाबॉलिज्म यानी पाचन शक्ति कमजोर होने लगता है. नॉनवेज खाना जोकि तामसी खाना होता है जो इंसान के पाचन में दिक्कत कर सकती है. साथ ही इसी मौसम में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती है. इसी मौसम में कई स्किन से जुड़े इंफेक्शन बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.
प्रजनन का माह
सावन को प्रजनन यानी ब्रीडिंग का महीना माना जाता है, ज्यादातर जीव इसी माह ब्रीडिंग करते हैं, ऐसा माना जाता है कि यदि हम कोई ऐसा जीव खाएंगे जो प्रेग्नेंट हैं तो हमारी शरीर को नुकसान पहुंचेगा. यदि हम प्रेग्नेंट जीव का मांस खाते हैं तो हमारे शरीर में हार्मोनल डिस्टरबेंस होता है जिससे भविष्य में कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
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इंफेक्शन का खतरा
सावन के मौसम में लगातार बारिश होने की वजह से संक्रामक बीमारियां फैलती हैं, विज्ञान के मुताबिक, संक्रामक बीमारियां सबसे पहले जीवों को अपना शिकार बनाती हैं, ऐसे में माना जाता है कि यदि बारिश के मौसम में नॉनवेज खाने से संक्रामक बीमारियों का शिकार होने का खतरा बना रहता है. इसीलिए इस तरह के खाने को छोड़ देने की सलाह दी जाती है.
-भारत एक्सप्रेस
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