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Sleep Divorce: कपल्स के बीच तेजी से ट्रेंड कर रहा ‘स्लीप डिवोर्स’, जानें आखिर क्या है ये? कपल्स को इससे फायदा या नुकसान

दुनिया के कई देशों में ये ट्रेंड प्रैक्टिस किया जाने लगा है. बेहद मुमकिन है कि आने वाले वक्त में ये इंडिया में भी पॉपुलर हो जाएगा. आइए जानें स्लीप डिवोर्स क्या है और यह कपल्स के लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है.

Sleep Divorce

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Sleep Divorce: डिवोर्स के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या अपने कभी ‘स्लीप डिवोर्स’ के बारे में सुना है? अगर नहीं तो आज हम आपको स्लीप डिवोर्स के बारे में बताएंगे. दुनिया के कई देशों में ये ट्रेंड प्रैक्टिस किया जाने लगा है. बेहद मुमकिन है कि आने वाले वक्त में ये इंडिया में भी पॉपुलर हो जाएगा. आइए जानें स्लीप डिवोर्स क्या है और यह कपल्स के लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है.

जानें क्या है स्लीप डिवोर्स

दरअसल, जब दो लोग एक रिश्ते में आते हैं तो वह सबकुछ शेयर करते हैं. यहां तक कि एक कपल रात में साथ सोते हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है कि कई कारणों से वह अलग-अलग सोना शुरू कर देते हैं. इसका मतलब ये नहीं है कि वे लड़ाई-झगड़े की वजह से बेड बदल लेते हों. ऐसा इसलिए किया जाता है कि वो कई रातों तक चैन की नींद सो सकें और एक दूसरे को डिस्टर्ब न करें. आसपास के लोगों को लगता है कि कपल्स के बीच लड़ाई है तभी वह अलग-अलग सोते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. स्लीप डिवोर्स रिश्ते को काफी ज्यादा बेहतर बनाता है.

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स्लीप डिवोर्स से कपल्स को लगता है डर

‘स्लीप डिवोर्स’ शब्द सुनकर लोग अक्सर डर जाते हैं. क्योंकि इस दौरान वो इमोशनल लेवल पर अलग नहीं होते, लेकिन रेस्ट की जरूरत को पूरा करने के लिए हफ्ते में कुछ दिन फिजीकल जुदा होते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने या वक्त मिलने पर वापस एकसाथ आ जाते हैं. वहीं कई बार दोनों कपल्स में ऐसी सिचुएशन भी आती है जब मेल और फीमेल पार्टनर्स का वर्किंग ऑवर्स अलग-अलग हो. मसलन लड़की डे शिफ्ट कर रही है और लड़का नाइट शिफ्ट. ऐसे में वीकेंड में ही दोनों एक दूसरे को क्वालिटी टाइम दे पाएंगे. ऐसे में दोनों को आराम हासिल करने हफ्ते में 5 दिन बेड अलग कर लेते हैं.

जानें क्या है स्लीप डिवोर्स के फायदे

  • स्लीप डिवोर्स के ट्रेंड को भले ही कुछ लोग अच्छा नहीं मानें, लेकिन रिलेशनशिप एक्सपर्ट इसके कई फायदे बताते हैं, जैसे अलग-अलग सोने पर नींद पूरी होती है जो ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी है. अगर स्लीम में कमी हो जो चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है.
  • इस बात में कोई शक नहीं है कि कपल को इमोशनली और फिजिकली अटैच रहना चाहिए लेकिन अच्छे रिलेशनशिप के लिए पर्सनल स्पेस भी जरूरी है, कई बार अकेले सोने पर उन्हें रिलैक्स महसूस हो सकता है.
  • हर इंसान का स्लीप रूटीन एक जैसा नहीं होता, इसलिए कई बार एक साथ सोने की वजह से दोनों लोगों की स्लीप साइकिल डिस्टर्ब हो सकती है. ऐसे में अलग-अलग सोना फायदेमंद साबित हो सकता है

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