Maha Kumbh 2025
महाकुंभनगर: नया साल शुरू होते ही महाकुंभ के महाआयोजन को लेकर लोगों का उत्साह चरम पर पहुंचने लगा है. योगी सरकार की चाक चौबंद व्यवस्था का परिणाम ये है कि अभी से देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का महाकुंभनगर में आगमन रफ्तार पकड़ने लगा है. साल के पहले दिन महाकुंभ नगर के सेंट्रल हॉस्पिटल में भी 900 लोगों ने पहुंचकर स्वास्थ्य लाभ लिया. देश के किसी भी बड़े हॉस्पिटल की तर्ज पर हाईटेक टेक्नोलॉजी का यहां लोगों की देखभाल में इस्तेमाल किया जा रहा है. साल के पहले दिन से ही ईसीजी की भी सुविधा शुरू हो गई है.
मिल रहीं अत्याधुनिक सुविधाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि महाकुंभ का आयोजन ऐसा हो, जो पहले के किसी भी कुंभ से ज्यादा दिव्य और भव्य हो. दुनिया में यूपी की बेहतरीन छवि बने, इसके लिए मुख्यमंत्री ने चुन चुनकर अफसरों की यहां तैनाती की है. महाकुंभ में पहुंचकर विभिन्न प्रदेशों से आए श्रद्धालु स्वास्थ्य लाभ लेने भी लगे हैं. आस्था के इस महाकुंभ में चिकित्सकों का भी उत्साह देखते बन रहा है. कई बार डॉक्टरों को खुद आगे बढ़कर मरीजों का सहयोग करते देखा जा सकता है.
महाकुंभ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुंभनगर में यहां सेंट्रल हॉस्पिटल में साल के पहले दिन 900 मरीजों की ओपीडी हुई. यहां देश के विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे 800 से 900 लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य लाभ लेने आ रहे हैं. इनकी देखभाल के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने व्यवस्था संभाल ली है.
सीएम योगी के निर्देश पर यहां मरीजों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलने लगी हैं. ईसीजी की भी सुविधा शुरू हो चुकी है. साथ ही केंद्रीय पैथोलॉजी में 100 से ज्यादा लोगों का प्रतिदिन टेस्ट शुरू हो गया है. यहां मेले में श्रद्धालुओं को 50 से अधिक तरह का फ्री टेस्ट कराने की सुविधा प्रदान की जा रही है.
AI का हो रहा उपयोग
इस बार महाकुंभ में अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का पूरी सजगता के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है. मरीजों और डॉक्टरों के बीच भाषा की बाध्यता को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के माध्यम से दूर कर दिया गया है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु किसी भी भाषा में बोलें, एआई टेक्नोलॉजी की मदद से महाकुंभ के डॉक्टर उनकी बात समझकर उनका इलाज करने में पूरी तरह सक्षम हैं.
देश में पहली बार महाकुंभनगर में हाईटेक एआई मैसेजिंग फ्लो सिस्टम बनाया गया है. योगी सरकार की यह नई पहल मरीजों की इंटेंसिव केयर में भी मददगार साबित होने जा रही है. 22 रीजनल और 19 इंटरनेशनल लैंग्वेज को समझकर डॉक्टर्स को मरीज के मन की बात एआई बड़ी आसानी से समझा सकेगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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