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Maha Kumbh: त्रिवेणी संगम पर कुंभ मेले के तीसरे दिन भी उमड़ी भक्तों की भारी भीड़

संगम तट पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. हर उम्र के लोग, साधु-संत, और नागा साधु अपने पारंपरिक भेषभूषा में यहां पहुंचे. मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया. 

Mahakumbh Mela 2025

Maha Kumbh 2025: 45-दिवसीय महा कुंभ मेले के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं का सैलाब त्रिवेणी संगम पर उमड़ पड़ा. गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम पर डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं. इस अद्भुत धार्मिक आयोजन में देश-विदेश से आए भक्त स्नान, ध्यान और पूजा-अर्चना में तल्लीन नजर आ रहे हैं.

तीसरे दिन का महत्त्व

महा कुंभ मेले का तीसरा दिन विशेष रूप से पुण्य अर्जित करने का दिन माना जा रहा है. श्रद्धालुओं का मानना है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसी विश्वास के साथ लाखों श्रद्धालु संगम की ओर रुख कर रहे हैं.

भक्ति और आस्था का नजारा

संगम तट पर सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखी गईं. हर उम्र के लोग, साधु-संत, और नागा साधु अपने पारंपरिक भेषभूषा में यहां पहुंचे. मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और गंगा आरती ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया.

सुविधाओं और सुरक्षा का खास प्रबंध

इस विशाल आयोजन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं.

सुरक्षा: मेले में 20,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. ड्रोन कैमरों से भीड़ पर निगरानी रखी जा रही है.

स्वास्थ्य सेवाएं: मेले में कई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए हैं, जहां मुफ्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं.

यातायात प्रबंधन: ट्रैफिक को सुचारू बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष रूट तैयार किए हैं.

भक्तों की सुविधा के लिए योजनाएं

श्रद्धालुओं को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार ने विशेष कैंप, पीने के पानी और शौचालयों का इंतजाम किया है. मेले में आने वाले लोगों के लिए बस और ट्रेन सेवाओं में भी बढ़ोतरी की गई है.

महा कुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

महा कुंभ केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपराओं और अध्यात्म का प्रतीक भी है. यह मेले का वह समय है जब पूरे देश से लोग एक स्थान पर एकत्र होकर आस्था और एकता का संदेश देते हैं.

आगामी दिनों में प्रमुख शाही स्नान होंगे, जिनमें लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. साधु-संतों और अखाड़ों की शोभा यात्रा भी देखने लायक होगी. प्रशासन ने इन दिनों के लिए खास तैयारियां की हैं.

महा कुंभ मेला त्रिवेणी संगम पर श्रद्धा, भक्ति और भारतीय संस्कृति का अनुपम संगम है. श्रद्धालुओं की आस्था और मेले की भव्यता इसे अद्वितीय बनाती है. आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है, जिससे संगम तट पर आस्था का माहौल और भी प्रबल होगा.


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-भारत एक्सप्रेस



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