
सुप्रीम कोर्ट प्रयागराज महाकुंभ हादसे की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और चिंता का विषय है. सीजेआई संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है. जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका को वापस ले लिया है. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई थी. याचिका को हादसे से संबंधित स्टेट्स रिपोर्ट और जिम्मेदारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
इसके अलावा बड़े आयोजनों को लेकर दिशा निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. दाखिल जनहित याचिका में केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पार्टी बनाया गया था. साथ ही सभी राज्यों में सुविधा केंद्र खोलने की मांग की गई थी. जिसमें गैर हिंदी भाषी लोगों के लिए जगह मिल सके. महाकुंभ में हुए हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 60 से अधिक लोग घायल है.
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याचिका में यह भी कहा गया था कि इस तरह के आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित करने के साथ ज्यादा स्पेस आम आदमी को देने की जरूरत है, साथ ही देश के प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थ यात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई थी. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है.
जिसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आईएएस अधिकारी बी. के सिंह बतौर सदस्य शामिल है.
आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा. साथ ही घटना की पुलिस जांच भी होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 25- 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है. कुंभ हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है. खास अंतराल पर कुंभ का हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है. लंबे समय तक चलने वाले कुंभ मेले में कुछ दिन खास होते है. इन दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या करोड़ो में पहुच जाती है.
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