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“विवादित ढांचे से बहुत बड़ा रहा होगा मंदिर”, राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले बोले ASI के पूर्व चीफ केके मुहम्मद

केके मुहम्मद ने कहा कि साल 1976 में प्रोफेसर बीबी लाल के नेतृत्व में हमारी 10 लोगों की टीम अयोध्या पहुंची. जब हमारी टीम विवादित स्थल पर पहुंची तो पुलिस वाले ने रोक दिया.

केके मुहम्मद ( ASI के पूर्व चीफ)

केके मुहम्मद ( ASI के पूर्व चीफ)

Ram Mandir: राम जन्मभूमि की खोदाई के दौरान मिले हर सबूत से पता चल रहा था कि विवादित ढांचे से कई गुना बड़ा होगा राम मंदिर.प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुझे भी निमंत्रण मिला है. मैं बेहद खुश हूं. ये बातें ASI के पूर्व चीफ केके मुहम्मद ने कही है. केके मुहम्मद ने कहा कि अयोध्या में सर्दी हो या गर्मी भक्त आते ही रहते थे. मैंने अपनी आंखों से देखा है. वहां तब तक मंदिर नहीं था, लेकिन आस्था थी और इन्हीं आस्था की वजह से राम भक्तों का सपना पूरा हुआ है. उन्होंने कहा कि यह करीब 500 सालों की लड़ाई थी. हिंदुस्तानियों के दिलों पर आघात था. अब अच्छा लग रहा है. व्यक्तिगत रूप से यही कहूंगा, इस ऐतिहासिक, विराट काम के लिए प्रभु श्रीराम ने मेरे गिलहरी योगदान के लिए मुझे चुना…उनका आभार.

10 लोगों की टीम जांच के लिए पहुंची थी अयोध्या: केके मुहम्मद

केके मुहम्मद ने कहा कि साल 1976 में प्रोफेसर बीबी लाल के नेतृत्व में हमारी 10 लोगों की टीम अयोध्या पहुंची. जब हमारी टीम विवादित स्थल पर पहुंची तो पुलिस वाले ने रोक दिया.हमने कहा कि हमलोग छात्र हैं. बस ये जानने आए हैं कि यह किस जमाने में बना था. फिर पुलिस वाले ने हमें अंदर जाने दिया. जब अंदर गए तो 12 पिलर सामने दिखाई दिया, जो 12वीं शताब्दी का लग रहा था.उस पर मंदिर से जुड़े साक्ष्य भी मौजूद थे. यही पहला सबूत था. इसके बाद भी कई अहम सबूत मिले. 2003 की खोदाई में डॉक्टर बीआर मणि के निर्देशन में मंदिर में होने वाले अभिषेक से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें थीं. शिलालेख मिले, नींव में 90 पिलर मिले, जिन पर कभी विशाल मंदिर खड़ा रहा होगा. 216 से अधिक टेराकोटा की मूर्तियां मिलीं.

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ऐसे बाहर आई थी शोध की बात

इसके बाद भी कई अहम सबूत मिलते गए. उन्होंने कहा कि हमारी बात बाहर आ गई. दरअसल, 1990 में वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब, रोमिला थापर आदि ने अखबारों में बयान दिया कि अयोध्या में विवादित ढांचे के नीचे कुछ नहीं मिला है और ढांचा सपाट जमीन पर खड़ा है. केके मुहम्मद ने कहा कि तब मैंने मीडिया में कहा कि अयोध्या में हुई खोदाई में मैं शामिल था. वहां मंदिर के प्रमाण मिले हैं, बीबी लाल सही बोल रहे हैं। मेरा बयान छपने के बाद जब हंगामा हुआ तो मेरी नई नौकरी थी. प्रोबेशन पीरियड में था. मुझे निकालने की तैयारी हो गई। दिल्ली बुलाकर काफी फटकार लगाई गई. मगर मैंने कहा कि मैं झूठ नहीं बोल सकता और अपनी बात पर कायम रहूंगा.

केके मुहम्मद ने कहा कि अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. मैं बहुत खुश हूं. इससे करोड़ों लोगों का विश्वास जुड़ा था. मैंने लोगों अपने काम के दिनों में अयोध्या आते हुए देखा है.

-भारत एक्सप्रेस



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