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Ram Mandir: अवध में विराजे रामलला…फलीभूत हुई सदियों की तपस्या, जानें किसने क्‍या-कहा?

Ram Mandir: लाखों करोड़ों की संख्या में देश दुनिया के रामभक्तों की एक मात्र यही इच्छा थी कि करीब 500 सालों से अपनी ही जन्मभूमि पर उपेक्षित प्रभु श्रीराम का अयोध्या में एक भव्य और दिव्य मंदिर हो, जहां वह श्रद्धा से सिर झुका सकें, जहां वह अपनी तकलीफों को उनसे कह सकें और जहां वह अपने गुनाहों के लिए उनसे क्षमा मांग सकें.

Ram mandir

भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न

Ram Mandir: श्रीरामचरितमानस प्रभु श्रीराम के जीवन का दर्पण है. तुलसी दास जी द्वारा रचित इस महाकाव्य जैसा दूसरा संपूर्ण संसार में कोई नहीं है. अयोध्या में राम जन्म से लेकर समाज के लिए एक आदर्श का मार्ग प्रशस्त करते हुए, लंका में रावण के साथ उसकी तमाम बुराईयों का अंत करते हुए और अपने 14 वर्ष के वनवासी जीवन के समापन के बाद अयोध्या में प्रभु श्रीराम की वापसी ने दिवाली जैसे त्योहार की आधारशिला रख दी. श्री रामचरितमानस और तमाम दूसरे ग्रंथो में प्रभु श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या का बड़ा ही मनमोहक वर्णन मिलता है. रामराज्य प्रजा के लिए सर्वाधिक कल्याणकारी रहा. लंबे अर्से तक अयोध्या और प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान की अनदेखी होती रही है. चाह कर भी रामलला को तंबू में विराजमान होना पड़ा है. लेकिन इतने वर्षों बाद अयोध्या फिर से सज कर अपने राम के लिए तैयार हुई. देश में राम नाम की ऐसी लहर चल पड़ी है जो सात समंदर पार तक जा पहुंची है. कारण बहुत ही खास है और वह है कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हो गए हैं.

विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान श्रीराम का नाम ही मनुष्य को तमाम दुख तकलीफों से उबारता है, वहीं अयोध्या में उनकी जन्मभूमि पर साधु संत हमेशा ही डेरा जमाए रहते हैं. प्रभु श्रीराम का सुमिरन करते ये संत और लाखों करोड़ों की संख्या में देश दुनिया के रामभक्तों की एक मात्र यही इच्छा थी कि करीब 500 सालों से अपनी ही जन्मभूमि पर उपेक्षित प्रभु श्रीराम का अयोध्या में एक भव्य और दिव्य मंदिर हो, जहां वह श्रद्धा से सिर झुका सकें, जहां वह अपनी तकलीफों को उनसे कह सकें और जहां वह अपने गुनाहों के लिए उनसे क्षमा मांग सकें. 22 जनवरी को सालों या यूं कहें कि सदियों बाद जब उनकी यह इच्छा पूरी हो गई है तो सभी में गजब का उत्साह और भक्ति भाव देखा जा रहा है. अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर का निर्माण कार्य जहां तेजी से चल रहा है वहीं इसके गर्भगृह में प्रभु श्रीराम की मूर्ति रखी जा चुकी है, जिसकी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए मंदिर प्रशासन और सभी रामभक्त पूरे श्रद्धा भाव से लगे थे. आखिर हो भी क्यों नहीं इसके मुख्य यजमान देश के मुखिया पीएम मोदी जो थे.

पूरे देश दुनिया की निगाहें अयोध्या पर टिकी हुई हैं. या यूं कह लीजिए कि अयोध्या इस समय विश्व का एक ऐसा केंद्र बन चुका है जहां से निकली रामधुन पूरे विश्व में गुंजायमान हो रही है. एक प्रतीक्षा जिसके पूरे होने पर आम लोगों के मन में संशय था अब वह पूरी हो गई है. भव्य राम मंदिर और प्रभु श्रीराम से जुड़ी प्रत्येक जानकारी आम जन तक पहुंचाने के लिए भारत एक्सप्रेस भी दिन रात तत्पर रहा. इस ब्लाग में प्रभु श्रीराम और अयोध्या से जु़ड़ी हर जानकारी की अपडेट आपको सबसे तेज और सबसे पहले मिली. मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी प्रभु श्रीराम और अयोध्या से जुड़ी सारी खबरों के लिए बने रहिए भारत एक्सप्रेस के साथ……….

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