मंगल-राहु.
Angarak Yoga: ज्योतिष शास्त्र में मंगल और राहु को अशुभ ग्रह के रूप में देखा जाता है. साथ ही इन दोनों ही ग्रहों की युति से बनने वाला अंगारक योग को भी बेहद खतरनाक माना गया है. ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस वक्त मंगल और राहु मीन राशि में मौजूद है. यहां मंगल और राहु मिलकर अंगाकर योग का निर्माण कर रहे हैं. मंगल और राहु की युति 1 जून तक रहने वाली है. इसके बाद मंगल ग्रह राशि परिवर्तन कर मेष राशि में चला जाएगा. आइए जानते हैं इस अंगारक योग से किन राशियों के लोगों को संभलकर रहना होगा और यह योग कुंडली में कैसे बनता है?
इन राशियों को रहना होगा सतर्क?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल और राहु की युति से बना अंगाकर योग मकर और मीन राशि से संबंधित लोगों के लिए शुभ नहीं है. अंगारक योग से इन दो राशियों कों के लोगों को कुछ हद तक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान क्रोध में वृद्धि होगी. ऐसे में इस दौरान अंगाकर योग से अशुभ प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय कर लेना अच्छा रहेगा. मंगल-राहु के अंगाकर योग के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर जाएं. वहां हनुमान जी को पानी वाला नारियल अर्पित करें.
अंगारक योग कैसा बनता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अंगारक योग हर व्यक्ति की कुंडली में बनता है. जब राहु और मंगल कुंडली के एक भाव (घर) में आ जाते हैं तो ऐसे में अंगारक योग का निर्माण होता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में यह योग बनता है उसे क्रोध पर नियंत्रण नहीं रहता है. राहु क्रोध को बढ़ाकर हिंसक बना देता है. इस योग के अशुभ प्रभाव से आग लगने की भी घटनाएं होती हैं. मंगल व्यक्ति के क्रोध को बढ़ाता है और राहु इमेजिनेशन लाता है. ऐसे में इंसान सोचता कुछ और है और उसके साथ होता कुछ और है.
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