काशी विश्वनाथ मंदिर.
Kashi Vishwanath Mandir: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में महाकुंभ की शुरुआत सोमवार से हो गई है. इसके चलते अब श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन भीड़ प्रबंधन के लिए सतर्क हो गया है. इस दौरान 11 जनवरी से महाशिवरात्रि के दो दिन बाद 28 फरवरी तक बाबा के स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर में 11 जनवरी से प्रोटोकॉल लागू है और 28 फरवरी तक स्पर्श दर्शन पूर्णत: हर समय प्रतिबंधित किया गया है. मंगला आरती के अतिरिक्त अन्य समस्त आरतियाें के टिकट भी नहीं जारी हो रहे हैं. सभी को झांकी दर्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक ही विशिष्ट अनुरोध स्वीकार किए जाएंगे. विशिष्ट अनुरोध के अंतर्गत भी स्पर्श दर्शन की व्यवस्था नहीं प्रदान की जाएगी.
सहयोग करने की अपील
उन्होंने बताया कि इस दौरान कभी श्रद्धालुओं की संख्या कम हुई और अगर हम कोई विशेष सुविधा श्रद्धालुओं को दे पाते हैं तो उस पर भी निर्णय लिया जाएगा. उस चीज से अवगत कराते हुए आपको सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी. अभी जो सामान्य सुविधा बनाई गई है. उसके लिए सभी से अपील है कि इस पर सहयोग करें. महादेव के दर्शन तथा महाकुंभ पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं के धार्मिक अनुभवों को अविस्मरणीय और अभूतपूर्व बनाने में एक अच्छे नागरिक के रूप में व्यवहार करें.
मंदिर प्रशासन के अनुसार, मंगला आरती के अलावा मध्याह्न भोग आरती, सप्तऋषि आरती और श्रृंगार आरती के समय श्रद्धालुओं को गर्भगृह के चारों द्वारों से दर्शन की व्यवस्था की जाएगी. इस दौरान विशिष्ट अनुरोध के तहत दर्शन कराने की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है.
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सहयोग का आग्रह किया है ताकि महाकुंभ को लेकर लागू आयोजन सुचारू रूप से हो संपन्न हो सके और सभी श्रद्धालुओं को दर्शन की सुगम सुविधा मिल सके. महाकुंभ आयोजन के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर भी पहुंचेंगे, ऐसे में गर्भगृह में किसी भी प्रकार की भीड़ न हो, इसलिए यह निर्णय लिया गया है.
क्या कहते हैं आंकड़े
मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के अनुसार, प्रयागराज में लगे महाकुंभ मेले को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार, 40 करोड़ श्रद्धालु इसमें भाग लेंगे. इनमें से कम से कम 10 से 20 प्रतिशत श्रद्धालु बनारस आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं. इस प्रकार 4 से 8 करोड़ श्रद्धालु डेढ़ माह में आएंगे.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, नए साल पर 1 से 4 जनवरी के बीच 18 लाख से ज्यादा लोगों ने बनारस के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे. बताया जा रहा है कि साल 2024 में मंदिर में रोजाना दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की औसत संख्या 1.70 लाख रही थी, जो जनवरी 2025 में बढ़कर दो लाख औसत से ज्यादा हो चुकी है.
(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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