रुद्राक्ष
Rudraksha: भगवान शिव को रुद्राक्ष प्रिय होने कारण हिंदू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माना जाता है. अधिकांश मंत्रों के जाप में भी इसकी बनी हुई माला का ही उपयोग किया जाता है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव शंभू के आंसुओं से हुई है. भोलेनाथ भी इसे अपने गले में धारण किए रहते हैं. इसके अलावा सेहत की दृष्टि से भी इसे बहुत उपयोगी माना जाता है. इन्हीं सब बातों से प्रभावित होकर कुछ लोग इसे बिना सोचो समझे ही पहन लेते हैं. जबकि इस पवित्र चीज को धारण करने के लिए कुछ नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर कोई इन नियमों की अनदेखी करता है तो उसे इससे जुड़े लाभ मिलने की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है.
रात में सोते वक्त ना पहनें
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार रुद्राक्ष को रात में सोने से पहले उतार देना चाहिए. अगर आप रात में भी इसे पहने रखते हैं तो यह अशुद्ध हो जाता है. ऐसे में इसे उतार कर पूजा वाली जगह पर रख दें. सुबह स्नान करने के बाद इसे दुबारा धारण कर सकते हैं.
दिन में रखें इन बातों का ध्यान
दिन के समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. जैसे कि अगर आप दिन के वक्त किसी अशुद्ध स्थान पर जा रहे हैं तो वहां जाने से पहले इसे निकाल दें. किसी तरह के ग्रहण के दौरान भी इसे निकालकर घर के मंदिर में रख दें. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करने के बाद गंगाजल से धोकर ही रुद्राक्ष को पहनें.
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मांसाहार से करें परहेज
रुद्राक्ष की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए, इसे धारण करने वाले को कभी भी मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
ऐसा होने पर भी रुद्राक्ष धारण करने से बचें
मान्यतानुसार घर में किसी शिशु के जन्म के बाद भी इसे नहीं पहनना चाहिए. इस दौरान लगने वाले सूतक के कारण इसे पहनने की मनाही रहती है.
रुद्राक्ष पहनने से पहले अपनी राशि का रखें ध्यान
रुद्राक्ष पर लंबी बनी धारियों के अनुसार यह कई प्रकार यानी कि कई मुख का होता है. जैसे- एक मुखी, चार मुखी या चौदह मुखी इत्यादि. जिस कारण अलग-अलग राशियों के लिए अलग-अलग मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने की सलाह दी जाती है. इसलिए योग्य ज्योतिषी से परामर्श के बाद ही अपनी राशि अनुसार इसे धारण करें.