अरबपति उद्योगपति एलन मस्क और जॉर्ज सोरोस.
Elon Musk And George Soros: दिग्गज उद्योगपति और एक्स के मालिक एलन मस्क ने एक बार फिर से भारत सरकार के निशाने पर रहे अरबपति जार्ज सोरोस पर हमला बोला है. एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक रिपोर्ट शेयर की है, जिसमें दावा किया गया है कि जॉर्ज सोरोस ने हमास को 15 मिलियन डॉलर की मदद की है. इसी आतंकी समूह हमास ने 2023 के अक्तूबर महीने में इजरायल पर हमला कर 700 से ज्यादा लोगों की हत्या की थी, और सैकड़ों लोगों को बंधक बना लिया था. एलन मस्क ने कहा है कि “जॉर्ज सोरोस इजरायल समेत मानवता के दुश्मन हैं.”
हमास को फंडिंग करने का आरोप
बता दें कि भारत सरकार के निशाने पर भी जॉर्ज सोरोस रहे हैं. उनपर आरोप है कि वह भारत समेत दुनिया के कई देशों की चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए साजिश रचते हैं और फंडिंग करते रहे हैं. अब संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाड एर्डन ने कहा है कि जॉर्ज सोरोस ने हमास को 15 मिलियन डॉलर की बड़ी रकम फंडिंग की है.इसी रिपोर्ट को एलन मस्क ने शेयर की है.
George Soros’s hatred of humanity includes Israel btw pic.twitter.com/LY6UPblsh9
— Elon Musk (@elonmusk) January 8, 2025
सर्वोच्च नागरिक सम्मान से किया था सम्मानित
हाल ही में जॉर्ज सोरोस को अमेरिका की बाइडेन सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया था, जिसके बाद एलन मस्क ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सोरोस को मानवता का दुश्मन करार दिया था.
मस्क ने दी थी तीखी प्रतिक्रिया
एलन मस्क ने कहा था, यह हास्यापद है कि बाइडेन सोरोस को मेडल ऑफ फ्रीडम दे रहे हैं. मेरे विचार से जॉर्ज सोरोस मूल रूप से मानवता से नफरत करते हैं. वो ऐसी चीजें कर रहे हैं जो सभ्यता के ताने-बाने को नष्ट कर रही हैं.
सोरोस पर गंभीर आरोप
भारत के संदर्भ में भी सोरोस की राय नकारात्मक रही है. उन्होंने 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अलोकतांत्रिक बताया था. सोरोस की ओपन सोसायटी फाउंडेशन, जिसे वे स्वतंत्रता, समानता और न्याय के लिए काम करने वाली संस्था बताते हैं, पर कई गंभीर आरोप हैं. इसमें विरोधी दलों को फंडिंग देने और राजनीतिक अस्थिरता फैलाने के आरोप शामिल हैं.
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120 देशों में फैली हैं संस्थाएं
सोरोस की संस्थाएं दुनिया भर के करीब 120 देशों में काम करती हैं और कई देशों में इन पर प्रतिबंध भी लगाए गए हैं. उनका नाम रूस, तुर्की, हंगरी जैसे देशों में विवादों से जुड़ा हुआ है. उनके खिलाफ कई बार अभियान चलाए गए हैं, जहां उन्हें “अराजकता का दूत” भी कहा गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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