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एयर रूट से महाकुंभ आने वाले पर्यटकों को प्रयागराज में दिखेगी आधुनिकता के साथ पौराणिकता की झलक

Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ को दिव्य स्वरूप देने के लिए कुंभ नगरी के कोने-कोने में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों की स्थापना की जा रही है. शहर की सड़क, चौराहे और शहर की प्रमुख दीवारें सज संवर रही हैं.

Prayagraj Kumbh 2025

प्रयागराज महाकुंभ 2025 (सांकेतिक तस्वीर).

Prayagraj Kumbh Mela 2025: महाकुंभ को दिव्य स्वरूप देने के लिए कुंभ नगरी के कोने-कोने में धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों की स्थापना की जा रही है. शहर की सड़क, चौराहे और शहर की प्रमुख दीवारें सज संवर रही हैं. प्रयागराज का सिविल एयरपोर्ट भी इससे अछूता नहीं है. यहां दीप्तिमान 84 स्तंभों की स्थापना इसी का हिस्सा है. सृष्टि जीवन का क्रमिक विकास है. पौराणिक मान्यता के अनुसार यह 84 लाख योनियों से होकर गुजरता है.

प्रयागराज के सिविल एयरपोर्ट में सृष्टि के इसी विकास क्रम को 84 आलोकित स्तंभों के माध्यम से दर्शाया जा रहा है. जल निगम की कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन डिवीजन इसकी कार्यदाई संस्था है.

सड़क के दोनों तरफ स्तंभों की स्थापना

सीएनडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर रोहित कुमार राना का कहना है कि एयरपोर्ट के बाहर सड़क के दोनों तरफ इन स्तंभों की स्थापना की जा रही है. 21 करोड़ 30 लाख के बजट से ये विशेष आलोकित स्तंभ तैयार हो रहे हैं. इसके लिए 10 करोड़ की पहली किश्त जारी की जा चुकी है.

नवंबर तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा. देश विदेश से आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं को ये स्तंभ आकर्षित करेंगे. एयरपोर्ट टर्मिनल के सामने से जाने वाली सड़क में ये 84 स्तंभ स्थापित किए जाएंगे.

84 स्तंभों में 84 लाख योनियों का संकेत

हर स्तंभ की लंबाई 6 मीटर होगी और यह खास स्टोन से बनाया जा रहा है. प्रोजेक्ट मैनेजर के मुताबिक लगभग 525 मीटर की लंबाई में सीधी रेखा में स्थापित होने वाले इन 84 स्तंभों में 84 लाख योनियों का संकेत होगा, जिससे सृष्टि का सार होगा.

स्तंभ में लिखे जाएंगे शिव के सहस्त्र (हजार) नाम

एक स्तंभ से दूसरे स्तंभ की दूरी 12 मीटर रखी गई है. हर स्तंभ में भगवान शिव के सहस्त्र नाम भी लिखे जाएंगे. रात के समय इन स्तंभों में स्पेशल लाइटिंग का इंतजाम किया है ताकि अंधेरे में भी ये उतनी ही चमक के साथ आलोकित होते रहें.

स्तंभ के पास फूलदार सजावटी पौधे भी रोपित किए जाएंगे. नजदीक बैठने के लिए विशिष्ट बेंच का भी निर्माण किया जायेगा.

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