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Makar Sankranti: मकर संक्रांति के दिन तिल के महत्व की है पौराणिक कथा, सूर्यदेव ने दिया था शनिदेव को यह वरदान

Makar Sankranti: मान्यता है कि शनि की पूजा तिल से करने पर उसके अशुभ प्रभाव में कमी आती है. वहीं इस दिन सूर्यदेव की कृपा से धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है.

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मकर संक्रांति के दिन तिल का महत्व

Makar Sankranti: मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बने चीजों की पूजा में उपयोग की परंपरा रही है. इसके अलावा इस दिन इन चीजों के दान की भी काफी महत्ता रहती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे भी एक खास कारण है. ज्योतिष के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही कुछ खास संयोग बनते हैं.

मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव से लाभ प्राप्त करने के लिए तिल और गुड़ का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भी तिल और गुड़ का महत्व पुराणों में बताया गया है. मान्यता है कि शनि की पूजा तिल से करने पर शनि के अशुभ होने पर उसके प्रभाव में कमी आती है. वहीं इस दिन सूर्य देव की कृपा से धन संपत्ति में बढ़ोतरी होती है.

मकर संक्राति के दिन की है खास कथा

श्रीमद्भागवत एवं देवी पुराण में मकर संक्राति से जुड़ी एक कथा का उल्लेख मिलता है. कथा के अनुसार एक बार अपनी दूसरी पत्नी छाया और पुत्र शनि के श्राप के कारण सूर्य देव को कुष्ठ रोग हो गया. लेकिन अपने एक और पुत्र यमराज के प्रयास से उनका कुष्ट रोग समाप्त हो गया.

इसके बाद तो गुस्से में सूर्य देव ने शनि के घर कुंभ (राशि) को जलाकर राख ही कर दिया. ऐसा होने से शनि और उनकी माता छाया को तमाम तरह के कष्ट का सामना करना पड़ रहा था.

इसे देखकर यमराज ने अपने पिता सूर्य को काफी समझाया. इसके बाद सूर्य देव शनि के घर कुंभ में पहुंचे. वहां उन्होंने देखा कि सबकुछ तो जल चुका है. ऐसे में शनिदेव के पास तिल के सिवा कुछ नहीं बचा था. उन्होंने सूर्यदेव की उसी काले तिल से पूजा की.

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सूर्यदेव नेे दिया था यह वरदान 

सूर्यदेव शनिदेव की पूजा से काफी प्रसन्न हुए और उन्होंने आशीर्वाद दिया कि जब मैं शनि के दूसरे घर मकर राशि में आऊंगा तो वह धन धान्य से भर जाएगा. मात्र एक तिल के कारण ही शनि को उनका खोया हुआ वैभव फिर से मिला था, इसलिए शनिदेव को तिल काफी प्रिय है. इसी के बाद मकर संक्राति के दिन तिल से सूर्यदेव और शनिदेव की पूजा की जाने लगी.



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