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Axiom 4 Mission

भारतीय अंतरिक्ष यात्री Shubhanshu Shukla एक्सिओम-4 मिशन के तहत 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे पृथ्वी पर लौटेंगे. नासा ने पुष्टि की है कि उनका स्प्लैशडाउन प्रशांत महासागर में होगा. टीम ने अंतरिक्ष में 14 दिन के दौरान कई वैज्ञानिक प्रयोग किए.

Ax-4 मिशन की शुरुआत 25 जून को फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के ज़रिए हुई थी.

भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर के सात विंडो वाली कपोला से पृथ्वी की फोटो लीं. केंद्र सरकार ने X हैंडल पर लिखा 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष पर प्रतिनिधित्व कर रहा है.

छात्रों ने अंतरिक्ष कार्यक्रम के लाभों के बारे में भी जानना चाहा और यह भी जानना चाहा कि अंतरिक्ष यात्रा का कौन सा भाग सबसे अधिक आनंददायक है. शुक्ला ने बातचीत के दौरान एक्सिओम मिशन 4 के प्रक्षेपण अनुभव को 'अद्भुत' और 'गतिशील' बताया.

पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के जरिए बात की. यह संवाद सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि भावनाओं, विज्ञान और देशभक्ति से जुड़ा हुआ एक विशेष क्षण था.

Axiom-4 एक प्राइवेट स्पेस मिशन है जिसे अमेरिकी कंपनी Axiom Space, NASA और SpaceX की साझेदारी में चला रही है. यह मिशन पूरी तरह से कमर्शियल है, यानी सरकारों से अलग, प्राइवेट लेवल पर संचालित हो रहा है. लेकिन खास बात ये है कि शुभांशु शुक्ला की इस यात्रा को भारत सरकार ने पूरी तरह फंड किया है.

शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 Mission के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भारत का परचम लहराया. 41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया है. राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी शाबासी...

Axiom-4 Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे. उड़ान से पहले उन्होंने पत्नी कामना के लिए भावुक नोट लिखा, जिसमें उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया.

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लिए अंतरिक्ष का सफर ऐतिहासिक है. वो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की राह पर हैं. वह अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर चले हैं.